उज्जैन: स्वामी राघवेन्द्रचार्य बनेंगे जगद्गुरू रामानुजाचार्य, आज से पांच कुंडीय महायज्ञ का शुभारंभ

87 वर्षीय अनंतश्री विभूषित जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीकांताचार्य महाराज ने तिरुपति धाम के समस्त कार्यों को युवा पीढ़ी को सौंपने के निर्णय की घोषणा की है। इसके तहत 12 नवंबर को देवप्रबोधिनी एकादशी के अवसर पर 22 वर्षीय युवराज स्वामी राघवेन्द्रचार्य को जगद्गुरु रामानुजाचार्य के पद से सुशोभित किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण अवसर पर तिरुपति धाम, उज्जैन में एक भव्य ‘पट्टाभिषेक विधि’ का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें मुख्य अतिथि जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाय विद्या भास्कर स्वामी महाराज होंगे।
पांच दिवसीय ब्रह्मोत्सव और महायज्ञ
इस कार्यक्रम के दौरान, 8 नवंबर से शुरू होकर 12 नवंबर तक चलने वाले पांच दिवसीय 12वें ‘ब्रह्मोत्सव’ और ‘पंच-कुंडीय श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ’ का भी आयोजन किया जा रहा है। प्रतिदिन यज्ञशाला में 25 आचार्य और विद्वानों द्वारा यज्ञ, महाभिषेक, हवन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। श्रीकांताचार्य महाराज ने बताया कि यह कार्यक्रम तिरुपति धाम की परंपरा और धर्म की महिमा को बढ़ावा देने के लिए है।
राघवेन्द्रचार्य की शिक्षा और समर्पण
राघवेन्द्रचार्य ने उज्जैन के ऑक्सफोर्ड जूनियर कॉलेज से सीबीएसई माध्यम से अपनी 10वीं की पढ़ाई पूरी की है और पिछले पाँच वर्षों से अयोध्या में श्री कोशलेस सदन में व्याकरण और आचार्य की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उनकी श्रीमद्भागवत और ज्योतिष में गहरी रुचि है। इस पट्टाभिषेक के अवसर पर उन्होंने संकल्प किया है कि वे रामानुजाचार्य परंपरा की महिमा को बनाए रखेंगे और इसे आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे।
यह आयोजन धर्मप्राण जनता और भक्तों के लिए एक विशेष अवसर है, जहां वे तिरुपति धाम के कार्यों और इसकी परंपराओं को नज़दीक से देखने का मौका पा रहे हैं।