Pithoragarh: आदि कैलाश को मिलेगा नई ऊंचाई, पीएम मोदी के दौरे से बढ़ी वैश्विक पहचान

आदि कैलाश, जो पिथौरागढ़ जिले की व्यास घाटी में स्थित है, अब जिले के पर्यटन को एक नई दिशा दे रहा है। इस साल करीब 28,000 से ज्यादा पर्यटकों ने आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन किए हैं। अक्टूबर 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदि कैलाश दौरे के बाद, इस जगह को एक वैश्विक पहचान मिली और अब देशभर से पर्यटक यहां आने लगे हैं।पर्यटकों की बढ़ती संख्या ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी फायदा पहुंचाया है। होम स्टे, होटल और टैक्सी सेवाओं के कारोबार में बढ़ोतरी हुई है, जिससे कई स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं।इसके अलावा, अल्मोड़ा जिले के जागेश्वर धाम को लेकर भी विकास की दिशा में कदम उठाए गए हैं। ‘मानसखंड मंदिर माला मिशन’ के तहत यहां एक मास्टर प्लान तैयार किया गया है, जिससे इस धार्मिक स्थल के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
जागेश्वर धाम में भी पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है और इससे आसपास के इलाकों में भी सकारात्मक असर पड़ रहा है।चंपावत जिले में स्थित कोलीढेक झील भी अब पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बन चुकी है। यह झील लोहाघाट से करीब 14 किलोमीटर दूर स्थित है और दिसंबर 2022 में पूरी हुई थी। झील का निर्माण 30.76 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है और इसकी लंबाई 1500 मीटर और चौड़ाई 80 मीटर है। अब यहां पर्यटक नौकायन का आनंद लेने आते हैं, जिससे न केवल झील बल्कि आसपास के इलाकों का पर्यटन भी बढ़ा है।इन प्रमुख स्थलों के विकास से पिथौरागढ़ और चंपावत जिले का पर्यटन क्षेत्र तेजी से बढ़ा है और इसने उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचने का मौका दिया है। इन जगहों की बेहतर सुविधाओं और प्रचार से राज्य में पर्यटकों का आना और भी बढ़ेगा, जिससे स्थानीय लोगों को और अधिक लाभ होगा।