बिहार में बढ़ा खेल का जुनून, सरकार ने बढ़ाई खिलाड़ियों के प्रति जिम्मेदारी

बिहार में खेल और खिलाड़ियों के विकास पर अब राज्य सरकार का विशेष ध्यान केंद्रित हो रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में खेलों को प्रोत्साहित करने और खिलाड़ियों को उनकी मेहनत और उपलब्धियों के लिए सम्मानित करने के कई उपाय किए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने खेल और खिलाड़ियों के प्रति एक सकारात्मक माहौल बनाने का संकल्प लिया है, जो कि राज्य में खेल के प्रति बढ़ते उत्साह और समर्थन से स्पष्ट है।
बिहार सरकार ने “बिहार खेल सम्मान” का आयोजन शुरू किया है, जिसके तहत राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों और उनके कोचों को सम्मानित किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य न केवल खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाना है, बल्कि युवाओं को खेल में करियर बनाने के लिए प्रेरित करना भी है। इस सम्मान राशि को बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये किया गया है, जिससे खिलाड़ियों में एक नई ऊर्जा और जोश देखा जा सकता है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में बिहार के खिलाड़ियों की भागीदारी और प्रदर्शन अब अधिक दिखाई देने लगा है, जो कि इस सरकारी प्रयास का प्रत्यक्ष प्रभाव है।
इसके अलावा, नीतीश सरकार ने “मेडल लाओ-नौकरी पाओ” योजना शुरू की है, जिसके अंतर्गत उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में नियुक्ति मिलती है। इस योजना से खिलाड़ियों को न केवल वित्तीय स्थिरता मिलती है बल्कि उनके उज्जवल भविष्य का मार्ग भी प्रशस्त होता है। राज्य में खेल का बजट भी बढ़ाया गया है, जिससे खेलों के बुनियादी ढांचे को और अधिक मजबूत किया जा सके। नए स्टेडियम, प्रशिक्षण सुविधाओं और खेल अकादमियों का विकास किया जा रहा है ताकि खिलाड़ियों को उन्नत प्रशिक्षण और अवसर मिल सकें।
अब तक 33 खेलों के 615 खिलाड़ियों, 21 प्रशिक्षकों, 4 खेल संघों और 4 खेल अधिकारियों सहित कुल 644 लोगों को बिहार खेल सम्मान के तहत सम्मानित किया गया है। इनमें करीब 7.5 करोड़ रुपये की सम्मान राशि वितरित की गई है। इन पुरस्कारों ने खिलाड़ियों को नए संकल्प के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने के लिए प्रेरित किया है। उदाहरणस्वरूप, ओलंपिक पदक विजेता श्रीजेश को बिहार सरकार ने विशेष सम्मान से नवाजा, जबकि जमुई के जैवलिन थ्रो प्रशिक्षक आशुतोष, और गोल्ड मेडलिस्ट वीरेंद्र यादव एवं आशीष कुमार को भी उनकी उपलब्धियों के लिए पुरस्कार दिए गए।
बिहार में खेल के प्रति यह बढ़ता सरकारी समर्थन न केवल खेल संस्कृति को सुदृढ़ कर रहा है बल्कि युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रहा है। राज्य सरकार के इन प्रयासों से बिहार के खेल जगत में नई उम्मीदें जाग उठी हैं और बिहार के युवा अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल में अपना नाम रोशन करने के लिए अधिक प्रेरित हैं।