शिमला: मुख्यमंत्री सुक्खू ने कालका-शिमला ट्रेन को ग्रीन हाइड्रोजन से चलाने के लिए केंद्रीय मंत्री को लिखा पत्र

हिमाचल प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर: मुख्यमंत्री सुक्खू की घोषणा
मुख्यमंत्री सुक्खू ने हाल ही में बताया कि हिमाचल प्रदेश अपने वर्तमान थर्मल पावर की खपत को 1,500 मिलियन यूनिट से हाइड्रो, सौर, और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोतों में बदलने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। राज्य की कुल बिजली खपत लगभग 13,500 मिलियन यूनिट है, जिसमें से काफी मात्रा पहले से ही नवीकरणीय स्रोतों से मिल रही है। अगर राज्य अपनी बिजली वितरण प्रणाली में 90 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा की खपत हासिल कर लेता है, तो यह एक पूर्ण हरित ऊर्जा राज्य के रूप में पहचाना जाएगा। सरकार इस लक्ष्य को अगले एक साल में हासिल करने की योजना बना रही है, जिससे स्थानीय उद्योगों को ‘इको मार्क’ के लिए आवेदन करने का मौका मिलेगा और उनके उत्पादों की कीमत भी बढ़ सकती है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार सौर ऊर्जा उत्पादन पर भी ध्यान दे रही है और अगले चार से पांच वर्षों में 2,000 मेगावाट सौर ऊर्जा के लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास कर रही है। पिछले दो वर्षों में सौर ऊर्जा उत्पादन में दोगुना वृद्धि हुई है, जो स्वच्छ ऊर्जा के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके तहत ग्रीन पंचायत योजना शुरू की गई है, जिसमें पंचायत स्तर पर 500 किलोवाट क्षमता के ग्राउंड-माउंटेड सोलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे। इन प्लांट से होने वाली आय का उपयोग पर्यावरण अनुकूल विकास परियोजनाओं में किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है। ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) के साथ मिलकर इस दिशा में कार्य चल रहा है, और अन्य निजी निवेशकों के साथ भी विचार-विमर्श हो रहा है। इसके अलावा, हिमाचल पथ परिवहन निगम की 3,200 बसों में से 1,500 बसों को अगले दो से तीन वर्षों में इलेक्ट्रिक में बदला जाएगा। साथ ही, विभिन्न सरकारी विभागों में डीजल और पेट्रोल वाहनों को भी इलेक्ट्रिक मॉडल में परिवर्तित किया जाएगा।
अंत में, सुक्खू ने यह भी कहा कि छह प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों को ई-वाहनों के संचालन के लिए ग्रीन कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जा रहा है। राज्य सरकार की राजीव गांधी स्टार्टअप योजना के तहत बेरोजगार युवाओं को इलेक्ट्रिक टैक्सी और बसें खरीदने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है, ताकि सरकारी सेवाओं में पर्यावरण के अनुकूल वाहनों का इस्तेमाल सुनिश्चित हो सके। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि राज्य में पर्यावरण के अनुकूल उद्योगों को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, और नए उद्योगों या मौजूदा उद्योगों के विस्तार के लिए सख्त मानक संचालन प्रणाली लागू की जा रही है, जिससे सभी प्रस्तावों का ध्यानपूर्वक मूल्यांकन किया जा सके।