नयाटोली की पहचान, सड़क पर डोभा का दृश्य, बांस-बल्ली से बिजली की आपूर्ति

झारखंड की राजधानी रांची के नयाटोली (सिमलिया) क्षेत्र में 500 से अधिक घर हैं, और यहां की आबादी लगभग 2000 के करीब पहुंच गई है। यह इलाका तेजी से विकसित हो रहा है, लेकिन इसके बावजूद यहां आधारभूत संरचना का विकास न के बराबर है। सड़क, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में स्थानीय लोग कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।
करीब 20 वर्षों से लोग इस क्षेत्र में बस रहे हैं, लेकिन विकास के नाम पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। लगभग 10 साल पहले जो सड़क बनी थी, उसकी आज तक मरम्मत नहीं की गई है। परिणामस्वरूप, सड़क की स्थिति अत्यंत खराब हो गई है, और वहां डोभा का दृश्य आम हो गया है। बांस और बल्ली के सहारे बिजली की आपूर्ति करना इस इलाके की पहचान बन गई है, जो विकास के मामले में इसकी दुर्दशा को दर्शाता है।
नयाटोली के निवासियों ने वर्षों से अपने इलाके की तकदीर और तस्वीर बदलने के लिए सरकारी महकमों के पास दौड़-भाग की है, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान करने के बजाय स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। स्थानीय लोगों की शिकायत है कि वे बार-बार अधिकारियों से मिलते हैं, लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन ही मिलता है, कार्रवाई नहीं।
इस क्षेत्र में पानी की आपूर्ति भी एक बड़ी समस्या है। पानी की टंकी और पाइपलाइन की व्यवस्था का अभाव होने के कारण लोग अक्सर पानी के लिए तरसते हैं। लोगों का कहना है कि उनकी मूलभूत जरूरतों को नजरअंदाज किया जा रहा है, और विकास की कोई योजना नहीं बनाई गई है।
इसलिए, नयाटोली के निवासी न केवल अपनी आवाज उठाते रहेंगे, बल्कि उम्मीद करते हैं कि सरकार इस क्षेत्र के विकास के लिए गंभीर कदम उठाएगी, ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके और उनका जीवन स्तर बेहतर हो सके।