झारखंड चुनाव से पहले, हेमंत सरकार ने महिलाओं और छात्रों को दिया बड़ा तोहफा

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झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने राज्य की महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसके तहत मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की राशि को बढ़ाकर प्रति माह 2500 रुपए कर दिया गया है। यह योजना दिसंबर माह से लागू होगी, जिससे लगभग 50 लाख महिला लाभुकों को सीधे लाभ मिलेगा। राशि सीधे उनके बैंक खातों में जाएगी, जिससे महिलाओं को आर्थिक सहायता मिलेगी। इस कदम से सोरेन सरकार ने न केवल महिलाओं को सशक्त करने का प्रयास किया है, बल्कि राज्य की राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में भी भाजपा को चुनौती दी है, जो अपने गोगो दीदी योजना के तहत 2100 रुपए देने का वादा कर चुकी है।

सोरेन कैबिनेट की बैठक में कुल 29 प्रस्तावों पर चर्चा हुई। इनमें पारा शिक्षकों, सहायक अध्यापकों, और कस्तूरबा विद्यालय के शिक्षकों को कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) का लाभ देने का निर्णय शामिल है। शिक्षकों ने इस लाभ की मांग लंबे समय से की थी, और आंदोलन की चेतावनी दी थी।

इसके अलावा, झारखंड कैबिनेट ने असम में काम कर रहे 15 लाख आदिवासी परिवारों के कल्याण के लिए योजना तैयार करने का निर्णय लिया है। इस कार्य के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा, जो आदिवासी कल्याण मंत्री के नेतृत्व में असम जाकर योजना की रिपोर्ट तैयार करेगी।

नेतरहाट के विकास के लिए 43 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है, और बोकारो में नेतरहाट विद्यालय के तर्ज पर एक आवासीय विद्यालय खोलने की मंजूरी भी दी गई है।

राज्य सरकार ने वाल्मीकि छात्र वृति योजना लागू करने का भी निर्णय लिया है, जो अनाथ और दिव्यांग बच्चों के उच्च शिक्षा के लिए होगी। इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार छात्रों की ट्यूशन फीस का भुगतान करेगी, जो 10 लाख तक हो सकती है। इसके अलावा, छात्रों को 4000 रुपए तक की सहायता राशि भी मिलेगी, जिससे करीब 1200 छात्रों को लाभ होगा।

गोड्डा जिले में ठाकुर गंटी में एक डिग्री महाविद्यालय और बहरागोड़ा में भी महाविद्यालय की स्वीकृति दी गई है। पोटका पॉलीटेक्निक कॉलेज के लिए 136 करोड़ की स्वीकृति भी प्राप्त हुई है।

इस प्रकार, हेमंत सोरेन सरकार की विभिन्न योजनाओं और घोषणाओं ने झारखंड के विकास और कल्याण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जो महिलाओं, शिक्षकों, और छात्रों के हित में हैं।

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