गोपालगंज में पुलिसकर्मियों का काला कारोबार, तीन थानेदार निलंबित

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बिहार के गोपालगंज जिले में एसपी अवधेश दीक्षित ने शराब और गांजा के माफियाओं के साथ साठगांठ रखने के आरोप में तीन थानाध्यक्षों को निलंबित कर एक बड़ी कार्रवाई की है। यह कार्रवाई जादोपुर, विशंभरपुर, और कुचायकोट थानों के थानाध्यक्षों के खिलाफ की गई है, जिससे जिलेभर में पुलिस अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।

जादोपुर थानाध्यक्ष पिंटू कुमार पर गंभीर आरोप लगे हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने कुरियर कंपनी के नाम पर चलने वाले एक वाहन से 250 किलोग्राम गांजा जब्त किया, लेकिन बाद में केवल 70 किलोग्राम दिखाया। शेष गांजा को उन्होंने जादोपुर थाना क्षेत्र के एक माफिया के हाथों बेच दिया। इस मामले में सदर एसडीपीओ प्रांजल ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की थी, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई। इसके साथ ही, माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई भी चल रही है।

विशंभरपुर थानाध्यक्ष मनोज कुमार पर शराब माफिया से सांठगांठ का आरोप लगा है। पिछले कुछ समय से एसपी ने थाने की गतिविधियों पर नजर रखी थी और थाने में जांच भी की थी। इस जांच के बाद मनोज कुमार को निलंबित कर दिया गया। कुचायकोट थानाध्यक्ष सुनील कुमार पर भी शराब तस्करों से सांठगांठ का आरोप है। कुचायकोट थाना यूपी सीमा से सटा हुआ है और यहां बलथरी चेकपोस्ट भी मौजूद है, जिससे तस्करी के मामले में इस थाने की भूमिका और महत्वपूर्ण हो जाती है।

एसपी अवधेश दीक्षित ने अपनी कार्रवाई की जानकारी देते हुए कहा कि “हम जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहे हैं। किसी भी पुलिस अधिकारी या कर्मी की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” यह स्पष्ट संकेत है कि पुलिस प्रशासन में भ्रष्टाचार और लापरवाही के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।

इन कार्रवाइयों से यह भी पता चलता है कि प्रशासन माफिया नेटवर्क को कमजोर करने के लिए गंभीर है। इस प्रकार की सख्ती से यह उम्मीद की जा सकती है कि पुलिस महकमे में सुधार होगा और अपराधियों के खिलाफ और प्रभावी कार्रवाई की जाएगी। गोपालगंज में इस तरह की कार्रवाई से अन्य जिलों में भी एक संदेश जाएगा कि पुलिस अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन करना होगा।

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