झारखंड में चुनावी हलचल, JMM का दावा, भाजपा को मिली पहले से जानकारी

झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान आज होने वाला है, लेकिन इसके पहले ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है।
जेएमएम नेता मनोज पांडे ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग की ओर से चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले भाजपा नेताओं को इसकी जानकारी मिल गई थी। उन्होंने सवाल उठाया, “क्या चुनाव आयोग भाजपा नेताओं के इशारों पर काम करता है?” पांडे ने इसे गंभीर मामला बताया और कहा कि आयोग को कठपुतली बना रखा गया है। उनका कहना है कि इस विषय पर एक औपचारिक बैठक होगी, जिसमें दो-तीन सीटों पर बातचीत की जाएगी। इससे साफ होगा कि चुनाव की घोषणा कैसे की जाएगी।
वहीं, झारखंड कांग्रेस प्रमुख राजेश ठाकुर ने चुनाव आयोग का सम्मान करते हुए कहा कि चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल उठाना आवश्यक नहीं है। उन्होंने कहा, “जब चुनाव आयोग कोई फैसला लेता है, तो उसे कटघरे में क्यों खड़ा किया जाता है?” ठाकुर ने यह भी कहा कि झारखंड की ड्यू डेट 6 जनवरी है, इसलिए चुनाव को इस समय सीमा के भीतर संपन्न कराया जाना चाहिए। उन्होंने महाराष्ट्र में चुनावों की तारीखों का जिक्र करते हुए सवाल किया कि जब हरियाणा में चुनाव 3 नवंबर को और महाराष्ट्र में 26 नवंबर को होने हैं, तो दोनों चुनाव एक साथ क्यों नहीं कराए गए?
भाजपा ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है। भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि उनकी पार्टी और एनडीए दोनों झारखंड और महाराष्ट्र चुनावों के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने दावा किया कि झारखंड के लोग हेमंत सोरेन की सरकार से निराश हैं और वे भाजपा के नेतृत्व में विकास समर्थक सरकार के लिए वोट देने के लिए उत्सुक हैं।
भंडारी ने यह भी कहा कि झारखंड के लोगों को भ्रष्ट राजनीति के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उनका मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भाजपा की सरकार बनने जा रही है।
इस प्रकार, चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले ही झारखंड में राजनीतिक माहौल गर्मा गया है, जहां सत्ताधारी और विपक्षी दलों के बीच आरोपों का सिलसिला जारी है। चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं, और यह देखने वाली बात होगी कि आगामी चुनावों में जनता का मूड क्या होता है।