चंदनकियारी में NDA और INDIA गठबंधन की कांटे की टक्कर, उमाकांत के लिए क्यों अहम है ये चुनाव?

झारखंड विधानसभा चुनाव में चंदनकियारी सीट पर इस बार इंडिया गठबंधन और एनडीए के बीच कड़ी टक्कर है। इस सीट पर बीजेपी की ओर से नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की तरफ से उमाकांत रजक ने दांव लगाया है। चंदनकियारी सीट का चुनाव अमर बाउरी के लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि उनके बढ़ते राजनीतिक कद के कारण बीजेपी की साख भी इससे जुड़ी है। उधर, उमाकांत रजक, जो 2009 में यह सीट जीत चुके हैं, इस बार जीत की उम्मीद कर रहे हैं।
अमर बाउरी और उमाकांत रजक के बीच 2005 से लगातार राजनीतिक मुकाबला रहा है। पहली बार 2005 में दोनों प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे थे। उमाकांत रजक ने तब दूसरे स्थान पर रहते हुए 13,706 वोट हासिल किए, जबकि अमर कुमार बाउरी तीसरे स्थान पर थे और उन्हें 12,509 वोट मिले थे।
इस बार का चुनाव इसलिए भी खास है क्योंकि 1990 के बाद पहली बार यहां सिर्फ दो गठबंधन – इंडिया और एनडीए के बीच सीधी टक्कर हो रही है। झारखंड राज्य बनने के बाद से अब तक इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले होते रहे थे, जिसमें जेएमएम, बीजेपी, आजसू और निर्दलीय प्रत्याशी शामिल रहते थे। 2000 में झामुमो के प्रत्याशी हारू रजवार ने जीत दर्ज की थी, जबकि 2009 में झामुमो ने सिटिंग विधायक हारू रजवार की जगह संतोष रजवार को प्रत्याशी बनाया, जिससे उमाकांत रजक ने बाजी मारी और विधायक बने।
2014 में अमर कुमार बाउरी ने जेवीएम के प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की और 51.18% वोट प्राप्त किए। बाद में वह जेवीएम छोड़कर भाजपा में शामिल हुए और 2019 में भी इसी पार्टी से चुनाव जीतकर विधायक बने। इस बार के चुनाव में दोनों पक्षों के बीच प्रतिस्पर्धा और भी रोचक है, क्योंकि पहली बार एक प्रधानमंत्री चंदनकियारी में चुनाव प्रचार करने पहुंचे हैं।
इस चुनाव का नतीजा न केवल अमर कुमार बाउरी के राजनीतिक भविष्य को प्रभावित करेगा, बल्कि यह बीजेपी और झामुमो दोनों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।