भाजपा दावेदारों का कड़ा सवाल: टिकट न मिलने पर क्या करेंगे? जवाबों ने खींचा ध्यान

झारखंड में विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों के चयन के लिए भाजपा ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। रांची स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में हुई इस बैठक में पार्टी के चुनाव सह प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने सभी जिलों के अध्यक्षों के साथ रायशुमारी की। इस दौरान, उन्होंने छह प्रमंडलों के लिए अलग-अलग बैठकों का आयोजन किया, जहां प्रत्येक विधानसभा सीट के लिए संभावित प्रत्याशियों के नाम पूछे गए।
बैठक के दौरान, हिमंत बिस्व सरमा ने पार्टी के नेताओं से एक महत्वपूर्ण सवाल पूछा: अगर उन्हें टिकट नहीं मिला तो वे क्या करेंगे। इस सवाल ने कई जिलाध्यक्षों को सोचने पर मजबूर कर दिया। कुछ जिलाध्यक्षों ने खुद को संभावित प्रत्याशी बताया, जबकि कुछ ने इस पर विचार किया कि अगर उन्हें टिकट नहीं मिलता है तो वे क्या कदम उठाएंगे।
एक-दो नेताओं ने कहा कि यदि पार्टी टिकट नहीं देती है, तो वे उस समय पर ही सोचेंगे कि आगे क्या करना है। वहीं, अन्य नेताओं ने स्पष्ट किया कि अगर उन्हें टिकट नहीं मिलता, तो वे संगठन के निर्देशों के अनुसार आगे बढ़ेंगे।
इस बैठक ने यह संकेत दिया कि पार्टी अपनी रणनीति को लेकर गंभीर है और विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए सभी संभावनाओं पर विचार कर रही है। भाजपा के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है, क्योंकि सही प्रत्याशियों का चयन ही चुनाव में सफलता की कुंजी होगी। नेताओं के इस खुलासे ने पार्टी के भीतर की स्थिति को भी उजागर किया, जहां कुछ नेता अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित हैं।