NIA अधिकारी की भ्रष्टाचार में संलिप्तता: 20 लाख की रिश्वत का मामला

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की पटना शाखा के डीएसपी अजय प्रताप सिंह और उनके दो एजेंटों को 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) द्वारा की गई, जो डीएसपी के खिलाफ मिली शिकायतों के आधार पर हुई। सीबीआई ने बताया कि जांच की प्रक्रिया अभी जारी है और सभी आरोपियों को गया में रखा गया है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, यह मामला तब सामने आया जब रमैया कंस्ट्रक्शन के मालिक और जदयू के पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी के बेटे, रॉकी यादव ने एनआईए के पटना शाखा के अनुसंधान पदाधिकारी (आइओ) अजय प्रताप सिंह पर भ्रष्टाचार में संलिप्तता का आरोप लगाया। रॉकी यादव का आरोप है कि डीएसपी ने एनआईए से जुड़े एक मामले में उन्हें दबाव में लेकर रिश्वत मांगी थी।

सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि इस प्रकार की कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि एजेंसियों द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और वे किसी भी अधिकारी को बचाने में असमर्थ हैं, चाहे वह कितनी भी ऊंची पद पर क्यों न हो। इस गिरफ्तारी ने एक बार फिर से जांच एजेंसियों की छवि को प्रभावित किया है और यह संकेत दिया है कि भ्रष्टाचार की गतिविधियों को सहन नहीं किया जाएगा।

इस मामले में आगे की जांच के लिए सीबीआई ने सभी जरूरी दस्तावेजों और साक्ष्यों को इकट्ठा करना शुरू कर दिया है, ताकि इस मुद्दे की गहराई से जांच की जा सके और दोषियों को सजा दिलाई जा सके। यह घटना सरकारी तंत्र में सुधार की आवश्यकता को भी उजागर करती है।

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