मीरवाइज उमर फारूक की याचिका पर कल हाईकोर्ट में होगी सुनवाई, मानवाधिकार समूहों ने उठाई आवाज
मीरवाइज उमर फारूक की घर में हिरासत और अवैध कैद के मामले की सुनवाई जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय में चार अक्टूबर 2024 को निर्धारित की गई है। मीरवाइज उमर फारूक पिछले एक महीने से घर में हिरासत में हैं, और इस दौरान उन्हें अपने मूल अधिकारों से वंचित किया गया है।
डॉ. मीरवाइज मौलवी मुहम्मद उमर फारूक ने पहले उच्च न्यायालय में रिट याचिका संख्या 2400/2024 दायर की थी, जिसे नवंबर 2024 में सूचीबद्ध किया गया था। हालांकि, प्रशासन ने उन्हें फिर से बिना किसी औपचारिक आदेश के अवैध और अनधिकृत हिरासत में डाल दिया है। इस स्थिति में, उन्हें अपने धार्मिक अधिकारों सहित अन्य मूल अधिकारों से भी वंचित किया जा रहा है। इस अन्याय को देखते हुए, मीरवाइज ने एक और CMP संख्या 5884/2024 दायर किया है, जिसे तात्कालिकता मेमो के साथ प्रस्तुत किया गया। यह CMP अब उच्च न्यायालय में चार अक्टूबर को सूचीबद्ध की गई है।
उम्मीद की जा रही है कि माननीय उच्च न्यायालय प्राकृतिक न्याय और संविधान में निहित मानवाधिकारों के कानूनों को ध्यान में रखते हुए मीरवाइज को आवश्यक राहत प्रदान करेगा। उनके समर्थकों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का मानना है कि मीरवाइज की रिहाई उनकी मौलिक अधिकारों की रक्षा का एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
इसके साथ ही, कानूनी समुदाय, राजनीतिक संगठनों और मानवाधिकार समूहों से अपील की गई है कि वे इस स्पष्ट उल्लंघन के खिलाफ अपनी आवाज उठाएं। मीरवाइज के समर्थक मानते हैं कि उनकी रिहाई न केवल व्यक्तिगत न्याय का मामला है, बल्कि यह जम्मू और कश्मीर में लोकतंत्र और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए भी आवश्यक है।