झारखंड में बिजली दाम बढ़ाने का प्रस्ताव विफल, उपभोक्ताओं में खुशी की लहर

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झारखंड के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि झारखंड स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने बिजली की दरें बढ़ाने के झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। कमीशन ने यह निर्णय लेते समय यह विचार किया कि पिछले एक साल में राज्य में बिजली की आपूर्ति और इन्फ्रास्ट्रक्चर में कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं हुआ है, जिससे कीमतें बढ़ाने का कोई आधार नहीं बनता।

जेबीवीएनएल ने आगामी वर्ष 2024-25 के लिए घरेलू बिजली की कीमत प्रति यूनिट 2.85 रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था, इसके अलावा व्यावसायिक श्रेणी में भी बढ़ोतरी और लोड आधारित फिक्स्ड चार्ज लागू करने की मांग की गई थी। प्रस्ताव के अनुसार, प्रति किलोवाट लोड के लिए उपभोक्ताओं से लगभग 100 रुपये वसूले जाने की योजना थी।

हालांकि, झारखंड स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने इस प्रस्ताव पर 23 अगस्त से 2 सितंबर तक राज्य के सभी पांच प्रमंडलों में जनसुनवाई की। इस सुनवाई में उपभोक्ताओं ने बढ़ती दरों के खिलाफ अपनी आवाज उठाई और किसी भी प्रकार की वृद्धि को अतार्किक बताया।

इस निर्णय से राज्य के लाखों बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिली है, क्योंकि वे बढ़ती बिजली दरों के बोझ से बच सकेंगे। कमीशन के इस फैसले ने न केवल उपभोक्ताओं की चिंताओं को सुना है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकार उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए गंभीर है। इससे उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में बिजली की गुणवत्ता और सेवा में सुधार होगा, जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर अनुभव मिलेगा।

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