महाराष्ट्र: ‘उद्धव सरकार के दौरान संजय राउत पर पुलिस ने नहीं दर्ज किया था मानहानि का केस’, भाजपा का शिवसेना यूबीटी पर आरोप

मुंबई में एक मजिस्ट्रेट अदालत ने मेधा सोमैया की तरफ से दायर मानहानि की शिकायत पर शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत को 15 दिन के कारावास की सजा सुनाई और 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। हालांकि बाद में उन्हें जमानत दे दी गई।

मुंबई में एक अदालत के शिवसेना उद्धव गुट के राज्यसभा सांसद संजय राउत को मानहानि के मामले में दोषी ठहराने के बाद, भाजपा नेता किरीट सोमैया ने गुरुवार को आरोप लगाया कि पुलिस ने तत्कालीन उद्धव ठाकरे सरकार के दबाव में संजय राउत के खिलाफ उनकी पत्नी की शिकायत स्वीकार करने से इनकार कर दिया था।

28 महीने बाद हमें न्याय मिला- किरीट सोमैया

कोर्ट के फैसले के बाद अपनी पत्नी के साथ पत्रकारों से बात करते हुए किरीट सोमैया ने कहा, हमें अपना मामला दर्ज कराने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा और 28 महीने बाद हमें न्याय मिला। उन्होंने कहा, जब उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे, तब संजय राउत ने मुझ पर और मेरी पत्नी पर 100 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। मेरी पत्नी शौचालय निर्माण पर परामर्श देने वाला एक एनजीओ चलाती हैं। मूल टेंडर राशि 3.61 करोड़ रुपये थी।

संजय राउत ने हमारे परिवार पर लगाए कई आरोप’

किरीट सोमैया ने कहा, हमने संजय राउत के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन उद्धव ठाकरे सरकार के दबाव के कारण इसे स्वीकार नहीं किया गया। हमने 18 मई, 2022 को यहां स्थानीय अदालत का दरवाजा खटखटाया और आज उसने अपना फैसला सुनाया। भाजपा नेता ने आगे कहा कि संजय राउत ने फरवरी से जुलाई 2022 के बीच उनके और उनके परिवार के खिलाफ 27 अलग-अलग आरोप लगाए, लेकिन उनके समर्थन में एक भी दस्तावेज पेश नहीं किया।

इस दौरान मेधा सोमैया ने कहा कि वह और उनके पति निराधार आरोपों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, संजय राउत के खिलाफ यह मामला समाज के लिए एक मिसाल कायम करेगा। अगर कोई मुझे या मेरे संगठन को बदनाम करने की कोशिश करता है, तो मैं उसके खिलाफ खड़ी होऊंगी। मेधा सोमैया का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों में से एक, अधिवक्ता विवेकानंद गुप्ता ने कहा कि उन्होंने सजा की मात्रा पर बहस के दौरान राउत के लिए दो साल की जेल की सजा की मांग की थी।

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