बिहार में फर्जी पुलिस अधिकारियों का सिलसिला: नकली दरोगा की गिरफ्तारी

बिहार के कैमूर जिले में एक फर्जी दरोगा की गिरफ्तारी ने स्थानीय पुलिस प्रशासन में हलचल मचा दी है। हाल ही में फर्जी आईपीएस के पकड़े जाने की चर्चाओं के बीच, यह मामला लोगों के लिए एक नई चेतावनी बनकर उभरा है। पुलिस ने नकली दरोगा त्रिलोकी चौहान उर्फ संजय चौहान को उसके दो साथियों के साथ गिरफ्तार किया है। ये लोग हाटा बाजार के दुकानदारों से पैसे की उगाही कर रहे थे, जिससे स्थानीय व्यापारियों में डर और असुरक्षा का माहौल बन गया था।
गिरफ्तार किए गए अन्य दो आरोपियों में एक फर्जी सिपाही और एक ड्राइवर शामिल हैं। पुलिस ने इनसे चार मोबाइल फोन, रस्सी लगी हुई हथकड़ी और 22 हजार रुपए की नकदी बरामद की है। ये सबूत स्पष्ट करते हैं कि आरोपी अपने आप को पुलिस का अधिकारी बताकर स्थानीय लोगों को धमका रहे थे। पुलिस की जांच के अनुसार, सभी आरोपी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं, जो बनारस के रामनगर से ताल्लुक रखते हैं।
इन लोगों ने शराबबंदी का डर दिखाकर दुकानदारों से पैसे ऐंठने की कोशिश की। इस तरह की गतिविधियां न केवल कानून के लिए चुनौती हैं, बल्कि आम जनता की सुरक्षा और विश्वास को भी खतरे में डालती हैं। पुलिस ने इस गिरोह के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया और मामले की गहराई से जांच शुरू की है। यह घटना न केवल कैमूर जिले में अपराध की बढ़ती प्रवृत्ति को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि समाज में कैसे कुछ लोग कानून के सुरक्षा तंत्र का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। पुलिस प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी संभावित आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है।