नागरिक अस्पताल की नई पहल: जननी को मिलेगा नवजात शिशु का जन्म प्रमाण पत्र डिस्चार्ज से पहले!

नागरिक अस्पताल की नई पहल
नागरिक अस्पताल रतिया में अब संस्थागत प्रसव के बाद प्रसूता महिलाओं को अस्पताल से डिस्चार्ज होने पर उनके नवजात शिशु का जन्म प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. मनीष बांसल के आदेश पर, रतिया के नागरिक अस्पताल में अस्पताल के इंचार्ज डॉ. अमित सैनी के नेतृत्व में इस नई पहल की शुरुआत की गई, जिसमें जननी को डिस्चार्ज होने से पहले नवजात शिशु का जन्म प्रमाण पत्र सौंपा गया।
अस्पताल के चिकित्सकों के अनुसार, पहले अभिभावकों के पास अपने शिशु का नि:शुल्क जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए 21 दिन का समय होता था, और इस दौरान वे कभी भी अस्पताल आकर प्रमाण पत्र बनवा सकते थे। लेकिन अब जन्म के साथ ही शिशु का जन्म प्रमाण पत्र मिलने से अभिभावकों को अस्पतालों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
अस्पताल के मुख्य चिकित्सक डॉ. सज्जन सिंह ने बताया कि नागरिक अस्पताल में यदि सामान्य प्रसव होता है, तो मां को दो दिन तक चिकित्सक की निगरानी में रखा जाता है, जबकि सिजेरियन ऑपरेशन के मामले में मां को सात दिन तक निगरानी में रखा जाता है। इस दौरान जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रतिदिन 100 रुपए की डाइट भी उपलब्ध करवाई जाती है, ताकि प्रसव के बाद महिला को किसी प्रकार का संक्रमण न हो। नवजात शिशु के परिजनों के पास उसका जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए 21 दिन का समय होता है, लेकिन अधिकांश अभिभावक ऐसा नहीं करते और डिस्चार्ज होकर घर चले जाते हैं, जिसके बाद उन्हें फिर से अस्पताल आना पड़ता है। डॉ. सज्जन सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य महानिदेशक के आदेशों पर रतिया के नागरिक अस्पताल में इस नई पहल को विधिवत रूप से शुरू किया गया है।