J&K NEWS: 57 साल में रिकॉर्डतोड़ निर्दलीय दल मैदान में; जम्मू-कश्मीर में 40 फीसदी से ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवार

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर नेताओं में कितना उत्साह है। इसका इसी बात से पता लगाया जा सकता है कि इस दौरान केंद्रशासित प्रदेश में 40 फीसदी से भी ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में है। 57 वर्षों में ऐसा दूसरी बार हुआ है। इससे पहले साल 2008 में श्री अमरनाथ भूमि आंदोलन के बाद हुए चुनाव में 1351 प्रत्याशियों में से 831 निर्दलीय थे।



जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के गठन के लिए 90 सीटों पर होने जा रहे चुनाव में 908 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें 365 निर्दलीय यानी 40.19 प्रतिशत निर्दलीय हैं। जम्मू-कश्मीर में 1967 से 2024 तक किसी भी विधानसभा चुनाव में निर्दलीयों की यह दूसरी सबसे बड़ी संख्या है। इससे पहले वर्ष 2008 में श्री अमरनाथ भूमि आंदोलन के बाद हुए चुनाव में 1351 प्रत्याशियों में से 831 निर्दलीय थे। जम्मू-कश्मीर में मजबूत होते लोकतंत्र का ही परिणाम है कि नेताओं की नई पौध तैयार हो रही है। इस बार सबसे ज्यादा 22 निर्दलीय उम्मीदवार उत्तरी कश्मीर में सोपोर विधानसभा क्षेत्र में हैं।

कश्मीर में प्रत्येक सीट पर औसतन पांच प्रत्याश

कश्मीर में 47 विधानसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक के लिए औसतन पांच निर्दलीय उम्मीदवार हैं। जम्मू संभाग में यह संख्या घटकर 2.93 प्रति निर्वाचन क्षेत्र रह जाती है। बांडीपोरा में चुनाव लड़ रहे 20 में से 11 उम्मीदवार निर्दलीय हैं। डोडा पश्चिम, नौशहरा और रामगढ़ में एक-एक निर्दलीय उम्मीदवार हैं।

दिल्ली नहीं चाहती कश्मीरी मजबूत हों

महबूबा पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि निर्दलीय उम्मीदवारों को कश्मीर में वोटों को विभाजित करने के लिए मैदान में उतारा गया है। इसलिए हम अपने मतदाताओं को इनसे सावधान रहने को कह रहे हैं। दिल्ली नहीं चाहती कि कश्मीरियों की एक मजबूत राजनीतिक आवाज हो।

भाजपा ने आवाज दबाने के लिए निर्दलीयों को उतारा

उमर गांदरबल व बड़गाम से चुनाव लड़ रहे नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि दिल्ली ने उनकी आवाज दबाने के लिए उनके खिलाफ बड़ी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवारों को उतारा है। गांदरबल में चुनाव लड़ रहे 15 उम्मीदवारों में सात निर्दलीय हैं।

गठबंधन से भाजपा घबरा गई: खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि कांग्रेस और नेकां के मिलकर चुनाव लड़ने से भाजपा घबरा गई है। अब वह गठबंधन तोड़ने की कोशिश में है। वह हमारे उम्मीदवारों को हराने के लिए निर्दलीयों को मैदान में उतार रही है।

नेकां-कांग्रेस और पीडीपी ढूंढ रही हार की वजह

भाजपा कश्मीर में भाजपा के प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने कहा कि लोकतंत्र में यकीन रखने वाले सभी को चुनाव लड़ने का अधिकार है। नेकां, पीडीपी और कांग्रेस निर्दलीयों के चुनाव लड़ने पर दुष्प्रचार कर रही है। ये पार्टियां पहले ही अपनी हार की वजह ढूंढ रही हैं।

 

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