BIHAR NEWS: बिहार पुलिस थानों के भवन हुए जर्जर; 96 थानों में चूहों ने कतरी केस की फाइलें, पुलिस भी परेशान
बिहार के कई पुलिस थानों के भवन जर्जर हो चुके हैं। पुलिसकर्मी जैसे-तैसे वहां रहकर अपना काम कर रहे हैं। 96 थानों में तो चूहों द्वारा केस की फाइलें कुतरने की जानकारी सामने आई है।
बिहार के कई पुलिस थानों की स्थिति बहुत खराब है। भवन के अभाव में चूहों ने 18 जिलों के 96 थानों की फाइलों को कुतर दिया। थानों में इंडेक्स बनाने के दौरान जब फाइल को खंगालने का काम शुरू हुआ तो इसका खुलासा हुआ। साल 2013 के बाद से हुए केस की मॉनिटरिंग सीधे हाई कोर्ट द्वारा की जा रही है। ऐसे में कई केस में रिपोर्ट भी थाना स्तर से तलब की जा रही है। इसमें फाइल नहीं मिलने और चूहों द्वारा कुतर दिए जाने की बात भी सामने आ रही है।
सीमांचल के पुलिस थानों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। कोसी के कई ऐसे थाने हैं जहां बाढ़ का भय बना रहता है। बिहार में सिर्फ पूर्णिया पुलिस कार्यालय ही आईएसओ से सर्टिफाइड है। किशनगंज के एक जर्जर थाना के भवन से फाइल ढूंढ़ने के दौरान एक महिला पुलिसकर्मी को सांप ने डस लिया था, जिससे उनकी मौत हो गई। पुलिस मुख्यालय द्वारा सभी थाना में सीसीटीएन के तहत सीसीटीवी समेत अन्य बुनियादी बातों को दुरुस्त करने का काम लगातार किया जा रहा है। कई ऐसे थाने हैं जहां पर पुरानी फाइलों को रखने की कोई व्यवस्था नहीं है। भागलपुर जिले के कई थानों के भवन की स्थिति काफी जर्जर है। पुलिस लाइन में 200 से अधिक सिपाही बरामदा में तिरपाल टांग कर रह रहे हैं। पूर्णिया डीआईजी विकास कुमार ने बताया कि सीमांचल के कुछ थानों से भवनों की स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण फाइलों के चूहों के कुतरने और बारिश के पानी में क्षति होने की सूचना मिली है। इस मामले को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया गया है।
इन थानों के भवन का निर्माण और प्रस्ताव भेजा गया है
भागलपुर में ललमटिया, बरारी, औद्योगिक, हबीबपुर, संयुक्त पुलिस भवन का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। वहीं काफी जर्जर गोराडीह, घोघा, मोजाहिदपुर और नाथनगर थाना के भवन के निर्माण का प्रस्ताव भेजा गया है।
200 सिपाही रहते हैं जर्जर बैरक में
पुलिस लाइन के गंगा, जमुना, सरस्वती बैरक, अस्पताल बैरक और मनोरंजन बैरक की स्थिति काफी जर्जर है। इन सभी बैरक में करीब दो सौ से अधिक सिपाही किसी तरह से रहते हैं। अक्सर इन बैरकों में सांप भी घुस जाते हैं। इस मामले को लेकर कई बार पुलिस मेंस एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा मांग भी की गई कि सिपाहियों के निवास के लिए बैरक की मरम्मत करवाई जाए।
बरामदा बना है सिपाहियों के लिए ठिकाना
कई जिलों के पुलिस लाइन और थाना में सिपाही और अन्य पुलिसकर्मी बरामदा पर ही किसी तरह से रह रहे हैं। ऐसे पुलिसकर्मियों के मन में हर वक्त सुरक्षा को लेकर संशय की स्थिति बनी रहती है। ऐसे थाने जहां पर जर्जर भवन हैं वहां पर शौचालय की भी स्थिति काफी गंभीर है। कई पुलिसकर्मियों को शौचालय के लिए भी दूसरी जगह जाना पड़ता है। खासकर महिला पुलिसकर्मियों के लिए तो काफी मुसीबतें होती हैं।
इन जिलों के थानों में चूहों ने कुतर दी फाइल
भागलपुर, नवगछिया पुलिस जिला, बांका, मुंगेर, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, किशनगंज, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, बेगूसराय, खगड़िया, जमुई, लखीसराय, मधुबनी, दरभंगा और समस्तीपुर। भागलपुर प्रमंडल में बिहार पुलिस भवन निर्माण के कनीय अभियंता प्रिंस कुमार का कहना है कि जिले के 6 थानों का नया भवन बनाया जा रहा है। चार थानों के जर्जर भवन के निर्माण के लिए लिखा गया है। गृह विभाग से अनुमति मिलने का इंतजार किया जा रहा है। भागलपुर के डीआईजी विवेकानंद ने कहा कि एसपी के माध्यम से जर्जर थाना के भवन के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।