यूपी: एक्सप्रेसवे किनारे बनेंगे अस्पताल, हाईवे के पास नहीं खुलेंगी शराब की दुकानें

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि सभी एक्सप्रेस वे पर दोनों तरफ फूड प्लाजा की तरह ही अस्पताल की व्यवस्था की जाए। ताकि सड़क दुर्घटना होने पर तत्काल लोगों को उपचार मिल सके। मंडलीय अस्पतालों में ट्रामा सेंटर, एंबुलेंस की व्यवस्था मुकम्मल की जाए। एक्सप्रेस-वे एवं हाइवे के किनारे शराब की दुकानें बिल्कुल न हो। शराब की दुकानों के साइनेज को छोटा करने का निर्देश दिया। वह रविवार को सरकारी आवास पर राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा के लिए किए गए प्रावधानों के बारे में जानकारी ली। सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2024 में 46,052 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। इसमें 34,600 लोग घायल हुए हैं, जबकि 24 हजार से अधिक मौतें हुई हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि मृत्यूदर को हर हाल में रोकने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए सभी विभाग आपसी समन्वय बनाकर सामूहिक प्रयास करें। सभी मार्गों पर ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर आवश्यक कदम उठाए जाएं। सर्वाधिक दुर्घटना वाले 20 जिलों (हरदोई, मथुरा, आगरा, लखनऊ, बुलन्दशहर, कानपुर नगर, प्रयागराज, सीतापुर, उन्नाव, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, बरेली, अलीगढ़, गौतमबुद्धनगर, शाहजहांपुर, गोरखपुर, कुशीनगर, बदायूं, मेरठ और बिजनौर) में विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया। जिला स्तर पर हर माह एवं मंडल स्तर पर तीन माह में अनिवार्य रूप से सड़क सुरक्षा समिति की बैठक करने के निर्देश दिए।

एक्सप्रेस-वे एवं हाइवे पर क्रेन, पेट्रोलिंग वाहन और एम्बुलेंस की संख्या बढ़ायी जाए। प्रदेश में एनएचएआई की 93 सड़केों में अभी तक सिर्फ चार पर कैमरे लगे हैं। अन्य पर भी कैमरे लगाने का निर्देश दिया। यह भी कहा कि सड़कों पर फुट ओवरब्रिज बनाने और नगरीय क्षेत्रों में नाबालिग बच्चे ई-रिक्शा न चलाने पाए। आरटीओ ऑफिस को बिचौलियों से पूर्णतः मुक्त रखने के लिए समय-समय पर जांच अभियान चलाएं।

ट्रैफिक जाम से लोगों को बचाएं
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि ट्रैफिक जाम से लोगों को बचाएं। यह एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। ट्रैफिक के सुचारु संचालन के लिए प्रदेश में पर्याप्त मैनपावर उपलब्ध है। आवश्यकता पड़ने पर सिविल पुलिस, पीआरडी और होमगार्ड्स के जवानों को प्रशिक्षण देकर ट्रैफिक प्रबन्धन को बेहतर बनाएं। उन्होंने कहा कि अस्पतालों, स्कूलों एवं मुख्य बाजारों के बाहर टेबल टॉप स्पीड ब्रेकर का निर्माण कराया जाए।

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