Bhopal: नर्सिंग काउंसिल ने ANM कोर्स की बिना मान्यता दिए शुरू कर दी काउंसलिंग,प्रवेश के लिए नियमों में बदलाव

मध्यप्रदेश नर्सिंग काउंसिल की कार्यशैली पर एक बार फिर से गंभीर सवाल उठे हैं। एएनएम कोर्स की मान्यता के लिए सिर्फ शनिवार के दिन एक दिन के लिए पोर्टल खोलकर आवेदन मांगे गए, जबकि काउंसलिंग पहले ही शुरू कर दी गई थी। इस पर एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष, रवि परमार ने आरोप लगाया कि पोस्ट बीएससी और एमएससी नर्सिंग के कॉलेजों की मान्यता की सूची सार्वजनिक किए बिना ही काउंसलिंग की जा रही है। उनका कहना है कि यह न केवल छात्रों के अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता का भी अभाव दिखाता है।
इसके अलावा, एक महीने के भीतर दो बार नियमों में बदलाव किए गए। पहले, 24 दिसंबर 2024 को नर्सिंग काउंसिल ने नियमों में बदलाव किया था, और फिर 23 जनवरी 2025 को एक और बदलाव किया गया। परमार ने इसे स्पष्ट रूप से बताया कि पहले बिना अनुभव और सुझावों के नियम बनाए गए थे, जो अब बदलाव की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं। उनका आरोप है कि बिना पर्याप्त जानकारी और पारदर्शिता के पोस्ट बीएससी और एमएससी नर्सिंग के प्रवेश नियमों में बदलाव किया गया, और चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा पहले ही नियमों में त्रुटि की गई थी, जिस कारण एक महीने में दोबारा नियम बदलने पड़े।
परमार ने यह भी कहा कि जीएनएम कोर्स के लिए भी नियमों में बदलाव किए गए हैं। पहले, जीएनएम के लिए 12वीं में जीवविज्ञान अनिवार्य नहीं था, लेकिन नए नियमों में इसे अनिवार्य कर दिया गया, जिससे छात्र-छात्राओं को नर्सिंग में प्रवेश में परेशानी हो रही है। वहीं, नर्सिंग काउंसिल के नए नियमों में पीबी बीएससी. के लिए 12वीं में जीवविज्ञान, भौतिक, और रसायन शास्त्र अनिवार्य नहीं हैं, जबकि पुराने नियमों में ये अनिवार्य थे। एमएससी नर्सिंग में न्यूनतम प्रतिशत 55% कर दिया गया है, जबकि पहले यह 50% था।
एनएसयूआई ने अपनी मुख्य मांगें भी रखी हैं:
1. एएनएम कोर्स की काउंसलिंग को तुरंत रोका जाए, जब तक इसे नर्सिंग काउंसिल से विधिवत मान्यता नहीं मिल जाए।
2. पोस्ट बीएससी और एमएससी नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता सूची तुरंत सार्वजनिक की जाए।
3. नर्सिंग काउंसिल द्वारा प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।
4. इंडियन नर्सिंग काउंसिल के नियमों को तत्काल लागू किया जाए।
एनएसयूआई ने चेतावनी दी है कि यदि इन अनियमितताओं को ठीक नहीं किया गया, तो व्यापक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। परमार ने यह भी कहा कि छात्रों के भविष्य से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और एनएसयूआई हमेशा छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए तत्पर रहेगा।