ममता कुलकर्णी पहली बार छत्र-चंवर के साथ, किन्नर अखाड़े ने उन्हें महामंडलेश्वर बनाया

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प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने हाल ही में किन्नर अखाड़े में संन्यास की दीक्षा ली और एक नए अध्याय की शुरुआत की है। अब उन्हें महामंडलेश्वर के रूप में सम्मानित किया गया है। शुक्रवार को संगम तट पर पिंडदान करने के बाद किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की उपस्थिति में उनका पट्टाभिषेक किया गया। इस अवसर पर ममता ने गेरुआ वस्त्र पहने और रुद्राक्ष की माला धारण की, और उनका नाम बदलकर श्रीयामाई ममतानंद गिरि रख दिया गया।ममता कुलकर्णी की संन्यास दीक्षा कुंभ नगरी में हुई, जहाँ किन्नर अखाड़े में आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुवाई में यह धार्मिक कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस दौरान ‘हर-हर महादेव’ के उद्घोष के साथ उनके लिए धार्मिक क्रियाएं की गईं। ममता ने बृहस्पतिवार को महाकुंभ नगरी पहुंचकर शुक्रवार को किन्नर अखाड़ा शिविर में संन्यास लिया। धार्मिक कार्यों में आचार्य पुरोहित और अन्य संतों की उपस्थिति रही।

ममता कुलकर्णी ने अपने फिल्मी करियर में कई हिट फिल्मों में काम किया है। सलमान खान और शाहरुख खान के साथ फिल्म ‘करण अर्जुन (1995)’ में बिंदिया के किरदार से वह काफी मशहूर हुईं। इस फिल्म का गाना ‘गुप चुप गुप चुप’ भी बेहद हिट हुआ था। इसके अलावा, नाना पाटेकर के साथ फिल्म ‘तिरंगा (1992)’ में उनका छोटा सा लेकिन प्रभावी रोल था।ममता ने ‘आशिक आवारा (1993)’ में सैफ अली खान के साथ रोमांटिक ड्रामा किया और फिल्म ‘वक्त हमारा है (1993)’ में अक्षय कुमार के साथ भी नजर आईं। वह ‘क्रांति वीर (1994)’, ‘बाजी (1995)’ और ‘सबसे बड़ा खिलाड़ी (1995)’ जैसी फिल्में भी कर चुकी हैं। सनी देओल की फिल्म ‘घातक’ में उनका स्पेशल डांस नंबर ‘कोई आए तो ले जाए’ भी काफी पॉपुलर हुआ था। इसके अलावा, ममता ने ‘चाइना गेट (1998)’ और ‘छुपा रुस्तम (2001)’ जैसी फिल्मों में भी अहम भूमिका निभाई थी।अब ममता ने फिल्मी दुनिया को अलविदा कह दिया है और आध्यात्मिक जीवन की ओर कदम बढ़ाया है। उनके इस नए जीवन की शुरुआत को लेकर उनके चाहने वाले भी खुश हैं।

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