यश: चाय बेचने से 200 करोड़ की फीस तक, केजीएफ से बने सुपरस्टार

यश की सफलता की कहानी एक संघर्ष से भरी यात्रा है। जब वह सिर्फ 16 साल के थे, तो उन्होंने अपने माता-पिता से घर छोड़ने की अनुमति ली, ताकि वह सिनेमा में अपने सपने को पूरा कर सकें। शुरुआत में, उन्हें एक कन्नड़ फिल्म में सहायक निर्देशक के रूप में काम मिला, लेकिन वह प्रोजेक्ट जल्दी ही बंद हो गया। यश ने बताया कि बेंगलुरु आकर वह डर गए थे क्योंकि शहर बहुत बड़ा और नया था, लेकिन उन्होंने हार मानने का नाम नहीं लिया। उस वक्त उनके पास सिर्फ 300 रुपये थे, और वह जानते थे कि अगर वह वापस घर गए तो उनके माता-पिता उन्हें फिर कभी सिनेमा में काम करने की इजाजत नहीं देंगे।
अपना सपना पूरा करने के लिए यश ने बेनका ड्रामा ट्रूप में काम करना शुरू किया। यहां वह बैकस्टेज काम करते थे और रोज़ 50 रुपये कमाते थे। इस दौरान वह थिएटर में अपनी कला को निखारते रहे और कॉलेज में भी दाखिला लिया। जल्द ही उन्हें टीवी शो ‘नंदा गोकुला’ में अभिनय करने का मौका मिला, जहां उनकी मुलाकात अभिनेत्री राधिका पंडित से हुई, जो बाद में उनकी पत्नी बनीं। इसके बाद यश ने 2008 में ‘रॉकी’ फिल्म से अपनी फिल्मी करियर की शुरुआत की और फिर ‘जांबाडा हुडुगी’ में सहायक भूमिका निभाई।
यश की असली पहचान 2010 में आई फिल्म ‘मोडालासाला’ से मिली, जिसने उन्हें एक रोमांटिक कॉमेडी अभिनेता के रूप में स्थापित किया। इसके बाद उन्होंने ‘किराटका’, ‘मोगिना मनासु’, ‘ड्रामा’, ‘गुगली’, ‘मिस्टर एंड मिसेज रामचारी’ और ‘मास्टरपीस’ जैसी सफल फिल्मों में काम किया। 2018 में आयी फिल्म ‘केजीएफ: चैप्टर 1’ ने यश को एक पैन इंडिया स्टार बना दिया। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 250 करोड़ रुपये की कमाई की। फिर ‘केजीएफ: चैप्टर 2’ ने 1250 करोड़ रुपये की कमाई की और यह भारतीय सिनेमा की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक बन गई।
‘केजीएफ’ के बाद यश को न केवल कन्नड़ सिनेमा में बल्कि पूरे भारत में पहचान मिली। उन्हें नितेश तिवारी की फिल्म ‘रामायण’ में रावण की भूमिका निभाने का मौका मिला है। यह फिल्म भारत की सबसे महंगी फिल्मों में से एक मानी जा रही है, और यश ने इस फिल्म के लिए 200 करोड़ रुपये चार्ज किए हैं। यश की यह यात्रा इस बात का प्रमाण है कि अगर संघर्ष और मेहनत की भावना हो, तो किसी भी सपने को हासिल किया जा सकता है।