दिल्ली विधानसभा चुनाव: युवा बनाम अनुभवी नेताओं के बीच रोचक मुकाबला

दिल्ली की सियासत में नई पीढ़ी की दस्तक, युवा बनाम अनुभवी के बीच मुकाबला

 

दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने पूरी ताकत झोंक रखी है। अरविंद केजरीवाल के अगुवाई में आम आदमी पार्टी चौथी बार सत्ता पर काबिज होने की जुगत में है तो कांग्रेस और बीजेपी अपने सियासी वनवास को खत्म करने के लिए बेताब हैं। ऐसे में सत्ता की चाबी युवा मतदाताओं के हाथों में है, जिसके चलते तीनों ही प्रमुख दलों ने वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ नई पीढ़ी के युवा चेहरों को सियासी रणभूमि में उतारा है।

दिल्ली की सियासत नई करवट लेती नजर आ रही है

2013 में सियासी पारी का आगाज करने वाले अरविंद केजरीवाल के लिए इस बार का विधानसभा चुनाव कई मायने में अहम है तो बीजेपी और कांग्रेस ने भी इसे अपनी नाक का सवाल बना लिया है। इस बार कई पुराने चेहरे चुनावी सीन से गायब हैं, लेकिन उन्होंने अपनी जगह पर अपनी सियासी वारिस को उतार रखा है। इस तरह से 2025 के चुनाव में नई पीढ़ी के नेताओं ने सियासी दस्तक दी है, जिसके चलते मुकाबला काफी रोचक माना जा रहा है।

दिल्ली में नई पीढ़ी की सियासी दस्तक

बीजेपी और कांग्रेस ने अनुभवी नेताओं पर दांव लगाया है तो आम आदमी पार्टी ने नए और युवा चेहरों पर भरोसा जताया है। आम आदमी पार्टी के 42 उम्मीदवारों की उम्र 50 साल से कम की है, जिसमें 10 प्रत्याशी की उम्र 25 से 39 के बीच है। इसके अलावा 32 उम्मीदवारों की उम्र 40 से 49 साल के बीच है। वहीं, बीजेपी के उम्मीदवारों की फेहरिश्त को देखें तो 24 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनकी उम्र 50 साल से कम की है। इसमें बीजेपी के छह उम्मीदवारों की उम्र 25 से 39 साल के बीच है तो 18 कैंडिडेटों की उम्र 39 से 49 साल के बीच है। इसी तरह कांग्रेस के 24 उम्मीदवारों की उम्र 50 साल से कम की है, जिसमें 10 प्रत्याशियों की उम्र 25 साल से 39 के बीच हैं तो 14 कैंडिडेट 39 से 49 साल के बीच के हैं।

युवा बनाम अनुभवी के बीच मुकाबला

दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 50 साल से कम उम्र के उम्मीदवारों पर सबसे ज्यादा दांव खेला है जबकि कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवारों की फेहरिश्त देखें तो 50 साल से ज्यादा उम्र वालों कैंडिडेटों पर उन्होंने भरोसा जताया है। इस तरह इस बार का चुनाव युवा बनाम अनुभवी के बीच माना जा रहा है। 50 साल के ज्यादा उम्र के कैंडिडेट पर नजर डालें तो आम आदमी पार्टी ने ऐसे 28 उम्मीदवार उतारे हैं जबकि बीजेपी और कांग्रेस ने 46-46 प्रत्याशी हैं।

आम आदमी पार्टी के 60 फीसदी उम्मीदवार 50 साल से कम के हैं तो 40 फीसदी कैंडिडेट 50 पार हैं। कांग्रेस और बीजेपी के कैंडिडेट के उम्र का विश्लेषण करते हैं तो दोनों ही पार्टियों के 65 फीसदी उम्मीदवार 50 साल से ज्यादा के हैं और 35 फीसदी कैंडिडेट की उम्र 50 साल से कम की है। इस तरह से 2025 का विधानसभा चुनाव में युवा बनाम अनुभवी नेताओं के बीच होता दिख रहा है।

दिल्ली की सत्ता का भविष्य युवा करेंगे तय

दिल्ली के सत्ता का भविष्य इस बार युवा मतदाता तय करेंगे। दिल्ली में इस बार कुल 1552458 मतदाता हैं, जिसमें 44.91 फीसदी ऐसे मतदाता हैं जिनकी उम्र 18 से 40 साल के बीच है। ऐसे में अगर 40 से 50 आयु के मतदाताओं को शामिल कर दिया जाए तो 18 से 50 वर्ष के कुल मतदाताओं की संख्या 70 फीसदी से भी अधिक हो जाती है। दिल्ली में 60 साल से अधिक के उम्र के मतदाताओं की संख्या 15.74 फीसदी है जबकि 60 से 69 वर्ष के 8.87 फीसदी, 70 से 79 साल के 5 फीसदी हैं जबकि 80 वर्ष से अधिक आयु के 1.78 फीसदी हैं। इस तरह से दिल्ली के चुनाव की दशा और दिशा तय करने में 50 साल से कम उम्र के मतदाताओं का रोल अहम होगा और वही तय करेंगे कि दिल्ली में किसकी सरकार बनेगी।

दिल्ली के दिग्गजों ने नई पीढ़ी को सौंपी कमान

दिल्ली में 1993 से लेकर 2020 तक हर चुनाव में किस्मत आजमाने वाले कई नेताओं ने अपनी सियासी विरासत अपने नई पीढ़ी के नेताओं के हाथ सौंप दी है। इसीलिए दिल्ली चुनाव में हर बार जुझारू राजनीति और असाधारण चुनावी मुकाबलों के लिए कई दिग्गज नेता पिक्चर से गायब हैं। सीलमपुर सीट से लगातार पांच बार विधायक रहे चौधरी मतीन ने अपनी सियासी बागडौर अपने बेटे जुबैर को सौंप दी है, जो इस बार आम आदमी पार्टी के टिकट पर किस्मत आजमा रहा है। इसी तरह छह बार के विधायक रहे शोएब इकबाल भी दिल्ली मैदान से बाहर हो गए हैं और उन्होंने अपने बेटे आले मोहम्मद इकबाल को आम आदमी पार्टी के टिकट पर उतारा है।

कांग्रेस के टिकट पर ओखला से अरीबा खान मैदान में

ओखला सीट से विधायक रहे आसिफ मोहम्मद खान ने अपनी सियासी विरासत अपनी बेटी को सौंप दी है। कांग्रेस के टिकट पर आसिफ की बेटी अरीबा खान ओखला से चुनावी मैदान में उतरी हैं तो मुस्तफाबाद सीट से विधायक रहे अहमद हसन ने अपने बेटे अली मेंहदी को कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा रहे हैं। दिल्ली में कांग्रेस के दिग्गज चेहरा जेपी अग्रवाल ने अपने बेटे मुदित अग्रवाल को चांदनी चौक से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा रहे हैं। इस सीट पर उनका मुकाबला विधायक प्रह्लाद साहनी के बेटे पुरुनदीप साहनी से है। पुरुनदीप पहली बार विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं।

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