बच्चों की बीमारी पर BHU में जेनेटिक टेस्टिंग, मिलेगी सही जानकारी; 1493 की हुई जांच
वाराणसी समाचार: बच्चों में होने वाली आनुवंशिक बीमारियों पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में महत्वपूर्ण शोध कार्य चल रहा है। इस शोध के माध्यम से जेनेटिक बीमारियों के सही कारणों का समय से पता लगाया जा सकेगा, जिससे इन बीमारियों का जल्दी और सही उपचार संभव हो सकेगा। बीएचयू के सेंटर फॉर जेनेटिक डिसऑर्डर के प्रो. परिमल दास के नेतृत्व में यह रिसर्च कार्य किया जा रहा है, जिसमें निशुल्क जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। अब तक देशभर के 1493 जेनेटिक विकार से पीड़ित मरीजों की जांच की जा चुकी है।
आनुवांशिक बीमारियां डीएनए में हुए परिवर्तन के कारण होती हैं, जिनका पता जेनेटिक टेस्टिंग के माध्यम से लगाया जाता है। इन बीमारियों के सामान्य लक्षणों में शारीरिक विकास में देरी, जन्मजात दृष्टि और श्रवण समस्या, शरीर के किसी अंग या चेहरे की बनावट में विकार, मांसपेशियों की कमजोरी, अत्यधिक छोटा या बड़ा कद, न्यूरोलॉजिकल समस्याएं, और व्यवहार में अचानक परिवर्तन शामिल हैं। इस शोध का नोडल केंद्र हैदराबाद स्थित डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एवं डायग्नोस्टिक्स केंद्र (सीडीएफडी) है, जो एक उत्कृष्ट और अत्याधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान है। इस शोध परियोजना के प्रमुख सदस्य डॉ. रितु दीक्षित और दीपिका मारू महत्वपूर्ण शोध डेटा एकत्र कर रही हैं।