महाकुंभ स्नान: यात्रा से पहले जान लें ट्रैफिक प्लान और पार्किंग से जुड़ी अहम जानकारियां

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प्रयागराज में सोमवार से शुरू हुए महाकुंभ मेले के लिए यातायात पुलिस ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए एक व्यापक योजना लागू की है। इस योजना के तहत मेला क्षेत्र में वाहनों की सुगम आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए ट्रैफिक डायवर्जन और पार्किंग की विस्तृत व्यवस्था की गई है। उत्तर प्रदेश सूचना विभाग के अनुसार, संगम मेला क्षेत्र में प्रवेश का मुख्य मार्ग जवाहरलाल नेहरू मार्ग (काली सड़क) होगा, जबकि निकासी मार्ग त्रिवेणी मार्ग निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, प्रमुख स्नान पर्वों के दौरान अक्षयवट दर्शन अस्थायी रूप से बंद रहेंगे।

 

जौनपुर से आने वाले वाहनों के लिए चीनी मिल पार्किंग, पूर्वा सूरदास पार्किंग, गारापुर रोड, संयमी मंदिर कछार पार्किंग और बदरा सौनोती रहिमापुर मार्ग में पार्किंग की व्यवस्था की गई है। इन वाहनों को पुरानी जीटी रोड के माध्यम से मेला क्षेत्र में प्रवेश कराया जाएगा। इसी तरह, वाराणसी से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए महुआ बाग थाना झूसी पार्किंग, सरस्वती पार्किंग, झूसी रेलवे स्टेशन और ज्ञान गंगा घाट सहित विभिन्न पार्किंग स्थलों की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालु छतनगर रोड के जरिए मेला क्षेत्र में प्रवेश करेंगे।

 

मिर्जापुर की ओर से आने वाले वाहनों को देवरख उपरहार पार्किंग, टेंट सिटी पार्किंग और गजिया पार्किंग में स्थान मिलेगा। यहां के तीर्थयात्री अरैलबांध रोड से मेला क्षेत्र में पहुंच सकते हैं। रीवा, बांदा और चित्रकूट से आने वाले वाहन नवप्रयागम पार्किंग, कृषि संस्थान पार्किंग और मीरखपुर कछार पार्किंग में पार्क किए जाएंगे। इन क्षेत्रों के श्रद्धालु पुराने और नए रीवा रोड से मेला क्षेत्र तक पहुंच सकेंगे।

 

कानपुर और कौशांबी की दिशा से आने वाले वाहनों के लिए काली एक्सटेंशन प्लॉट नंबर 17 पार्किंग, इलाहाबाद डिग्री कॉलेज ग्राउंड पार्किंग और दधिकांदो ग्राउंड पार्किंग आरक्षित की गई है। श्रद्धालु जीटी रोड और काली मार्ग से होकर मेला क्षेत्र में प्रवेश करेंगे। वहीं, लखनऊ और प्रतापगढ़ की ओर से आने वाले वाहनों को गंगेश्वर महादेव कछार पार्किंग, नागवासुकी पार्किंग और आईईआरटी पार्किंग में पार्क किया जाएगा। इन वाहनों के यात्री नवास की मार्ग के माध्यम से मेला क्षेत्र में प्रवेश करेंगे।

 

संगम क्षेत्र में प्रवेश और निकासी के लिए भी विशेष मार्ग बनाए गए हैं। श्रद्धालु जीटी जवाहर मार्ग से प्रवेश करेंगे और काली रैंप का उपयोग करते हुए संगम तक पहुंचेंगे। निकासी के लिए अक्षयवट मार्ग और त्रिवेणी मार्ग का इस्तेमाल किया जाएगा।

 

महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को होगा। इस दौरान प्रमुख स्नान पर्व जैसे मकर संक्रांति (14 जनवरी), मौनी अमावस्या (29 जनवरी), और बसंत पंचमी (3 फरवरी) पर विशेष अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे। यह व्यवस्था श्रद्धालुओं को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से की गई है।

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