ED की कार्रवाई से हड़कंप, लालू के करीबी विधायक पर छापा; मंत्री केदार गुप्ता का बड़ा बयान

वैशाली न्यूज़: उजियारपुर विधायक आलोक कुमार मेहता के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी, 100 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप
लालू प्रसाद यादव के करीबी और उजियारपुर के विधायक आलोक कुमार मेहता के कई ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने छापेमारी की। यह कार्रवाई किसानों की योजनाओं के तहत आवंटित 100 करोड़ रुपये के गबन के आरोपों को लेकर की गई। शुक्रवार सुबह 10 बजे शुरू हुई इस छापेमारी से इलाके में तनाव का माहौल बन गया।
ईडी की कार्रवाई और गबन के आरोप
सूत्रों के अनुसार, आलोक कुमार मेहता पर आरोप है कि उनके कार्यकाल में किसानों के लिए आवंटित 100 करोड़ रुपये का गबन किया गया। इस मामले में पहले से कई शिकायतें दर्ज थीं, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई। ईडी की टीम ने बैंकों और अन्य ठिकानों पर दस्तावेज खंगाले और कर्मचारियों से पूछताछ की। बैंक अधिकारियों से बैंक कागजात और अन्य दस्तावेजों की जांच में कई महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाई जा रही हैं।
ग्रामीणों और ग्राहकों में हलचल
ईडी की रेड की खबर सुनते ही स्थानीय निवासियों और बैंक ग्राहकों में अफरातफरी मच गई। लोग बड़ी संख्या में बैंकों के पास इकट्ठा हो गए। इस कार्रवाई के कारण ग्रामीणों में दहशत का माहौल है, और स्थानीय लोग आशंका जता रहे हैं कि यह मामला और बड़ा हो सकता है।
केंद्र सरकार का सख्त रुख
बिहार के पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा, *”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्पष्ट संदेश है कि न हम खाएंगे, न खाने देंगे। जो देश को लूटने की कोशिश करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।”* उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कार्रवाई की नीति को दोहराते हुए कहा कि जो गड़बड़ी करेगा, वह सजा पाएगा।
लालू परिवार के करीबियों पर सख्ती
इस कार्रवाई को लालू प्रसाद यादव के करीबी नेताओं पर केंद्र सरकार की बढ़ती सख्ती के रूप में देखा जा रहा है। इससे पहले भी लालू परिवार और उनके सहयोगियों पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं। यह कार्रवाई उसी कड़ी का हिस्सा मानी जा रही है।
राजनीतिक बयानबाजी तेज
ईडी की कार्रवाई पर बिहार के राजनीतिक गलियारों में गर्मा-गर्मी शुरू हो गई है। सत्तारूढ़ गठबंधन इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ सही कदम बता रहा है, जबकि विपक्ष इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दे सकता है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या खुलासे होते हैं और ईडी की जांच किस दिशा में बढ़ती है।