महाकुंभ: सीएम योगी ने कहा – महाकुंभ है सनातन का गौरव, जातिवादियों को मिले सीख

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को प्रयागराज के सर्किट हाउस में आकाशवाणी के एफएम चैनल “कुंभवाणी” का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने महाकुंभ के महत्व को बताया और कहा कि यह आयोजन सनातन धर्म का गौरव है, जो सभी को एकजुट करता है। महाकुंभ में जाति, पंथ, लिंग और छुआछूत का कोई भेद नहीं होता, और इस संदेश को दुनिया तक पहुंचाने के लिए “कुंभवाणी” चैनल शुरू किया गया है।सीएम योगी ने बताया कि इस चैनल के जरिए महाकुंभ के धार्मिक कार्यक्रम और उद्धरण दूरदराज के क्षेत्रों में प्रसारित किए जाएंगे, जहां लोग स्वयं महाकुंभ में शामिल नहीं हो पाते। उन्होंने कहा कि यह चैनल उन लोगों तक महाकुंभ की जानकारी पहुंचाएगा, जो वहां physically नहीं पहुंच सकते, और इससे उन्हें सनातन धर्म की महत्ता का अहसास होगा। मुख्यमंत्री ने प्रसार भारती, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूचना प्रसारण मंत्रालय का धन्यवाद किया, जिनके सहयोग से यह पहल संभव हो पाई।
सीएम ने महाकुंभ को एक महान आध्यात्मिक आयोजन बताया और कहा कि यह केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सनातन धर्म की महानता का प्रतीक है। यहां सभी लोग एक साथ आकर आस्था की डुबकी लगाते हैं, और इस कार्यक्रम का उद्देश्य पूरे देश और दुनिया में एकता और भाईचारे का संदेश देना है। योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि कुंभवाणी चैनल की मदद से लोग उन स्थानों से भी जुड़ सकेंगे, जो महाकुंभ तक नहीं पहुंच सकते।इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने प्रयागराज में स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय में “मां की रसोई” का उद्घाटन किया। यह सेवा नंदी सेवा संस्थान द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए शुरू की गई है। इस रसोई में केवल 9 रुपये में भरपेट भोजन मिलेगा, जिसमें दाल, रोटी, चावल, सब्जी, सलाद और मिठाई शामिल होगी। मुख्यमंत्री ने रसोई के किचन और भोजन की गुणवत्ता का निरीक्षण किया और इस सेवा की सराहना की। उन्होंने अपने हाथों से लोगों को खाना परोसकर इसे और भी खास बना दिया।
“कुंभवाणी” एफएम चैनल 103.5 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी पर 10 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रसारित होगा, और यह सुबह 5:55 बजे से रात 10:05 बजे तक उपलब्ध रहेगा। इस चैनल के जरिए महाकुंभ से जुड़ी सभी जानकारी दूर-दराज के इलाकों में पहुंचाई जाएगी।इस मौके पर केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री डॉ. एल मुरुगन, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।