नीतीश कुमार ने गवर्नर से मुलाकात की, आगे की योजना जानें

गुरुवार दोपहर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक राजभवन पहुंचे और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से करीब 10 मिनट तक मुलाकात की। इस अप्रत्याशित दौरे के बाद तरह-तरह की बातें शुरू हो गईं, हालांकि किसी तरह की बड़ी हलचल नहीं मची। असल में, कुछ ही समय पहले नीतीश कुमार ने बिहार डायरी-कैलेंडर का लोकार्पण किया था और साथ ही, बिहार विधान परिषद के उप निर्वाचन के लिए अपनी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के उम्मीदवार ललन प्रसाद का नामांकन भी दाखिल किया था।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस दिन एनडीए के नेताओं के साथ बिहार विधानसभा सचिवालय पहुंचे थे, जहां उन्होंने ललन प्रसाद का नामांकन कराया। इस मौके पर भाजपा और जदयू के कई प्रमुख नेता भी मौजूद थे। इनमें उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, जदयू के मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डे समेत कई अन्य नेता शामिल थे। यह नामांकन एनडीए के सहयोगी दलों के बीच के गठबंधन को मजबूत करने का संकेत था, खासकर आगामी विधान परिषद उप चुनावों को लेकर।
इसी दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए के सभी घटक दलों के प्रदेश अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं के साथ सामूहिक यात्रा पर जाने का ऐलान किया। यह यात्रा 14 जनवरी के बाद शुरू होगी, और इसका उद्देश्य चुनावी तैयारियों को जिला और बूथ स्तर तक पहुंचाना है। इस यात्रा के दौरान एनडीए के नेता प्रदेश भर में विभिन्न स्थानों का दौरा करेंगे ताकि चुनावी माहौल को और सक्रिय किया जा सके।इसके अलावा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में फेरबदल की तैयारी भी चल रही है। खरमास के बाद एनडीए के नेताओं के साथ मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल की संभावना जताई जा रही है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजभवन यात्रा का एक कारण मंत्रिमंडल में बदलाव के लिए तारीख तय करना भी हो सकता है। इस फेरबदल में कुछ मंत्रियों के विभागों में बदलाव हो सकता है, जो पार्टी की आगामी रणनीतियों का हिस्सा हो सकता है।