सिंधिया, शिवराज और विजयवर्गीय के गुटबाजी से भाजपा जिलाध्यक्ष चुनाव उलझा
मध्य प्रदेश में भाजपा के जिलाध्यक्षों के चुनाव में देरी हो रही है, क्योंकि सिंधिया, शिवराज और विजयवर्गीय जैसे प्रमुख जिलों में गुटबाजी ने भाजपा अध्यक्ष का चुनाव उलझा दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच समझौता नहीं हुआ है, इसलिए जिलाध्यक्षों का नाम घोषित नहीं किया गया है। केंद्रीय नेतृत्व ने इस मामले में कार्रवाई की है।
BJP जिला अध्यक्ष, भोपाल, राज्य ब्यूरो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और प्रहलाद पटेल सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के जिलों में भाजपा जिलाध्यक्ष का चुनाव गुटबाजी के कारण उलझा हुआ है।
मंगलवार को भी जिलाध्यक्षों की सूची जारी नहीं की गई क्योंकि इनमें सहमति नहीं हुई। केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद को दिल्ली बुलाकर समन्वय की कोशिश की।
दिल्ली में जिन जिलाध्यक्षों के नामों पर समझौता नहीं हुआ था, उनका नाम बदल कर नए सिरे से चर्चा की गई। दिग्गज नेता सागर, इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, नरसिंहपुर, रीवा और सतना सहित लगभग 15 जिलों में जिलाध्यक्षों के नामों पर एकमत नहीं हैं। अब केंद्रीय नेतृत्व जिलाध्यक्षों के नामों पर अंतिम फैसला करेगा।
केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले 24 घंटों में भोपाल में मंत्री प्रहलाद पटेल से मुलाकात की है। शिवराज ने भी पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को उनके घर बुलाया।
सोमवार को शिवराज अपने पुत्र के विवाह का आमंत्रण देने भोपाल पहुंचे। मंत्री विश्वास सारंग भी मंगलवार को भोपाल में अपने पिता, भाजपा के संस्थापक सदस्य स्वर्गीय कैलाश नारायण सारंग को श्रद्धासुमन अर्पित करने गए।
इन दोनों नेताओं ने भी लंबी राजनीतिक बातचीत की है। इन नेताओं की बैठक को भाजपा के जिलाध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव से जोड़ा गया है।