युवती की आवाज के जाल में फंसे शिक्षक, तीन दिन में सभी पैसे गंवाए

आगरा में एक बुजुर्ग शिक्षक, बिजेंद्र सिंह, साइबर अपराधियों का शिकार हो गए, जिन्होंने उन्हें तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखा और 1.55 लाख रुपये की रकम हड़प ली। यह घटना 13 अगस्त 2024 को हुई, जब बिजेंद्र सिंह को एक अंजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाली युवती ने उन्हें अश्लील बातें करने का आरोप लगाते हुए धमकाया। उसने कहा कि वह दिल्ली क्राइम ब्रांच से बोल रही है और युवती के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। इस बाद पुलिस की पूछताछ से वह निर्दोष साबित हो गए, लेकिन अपराधियों ने उन्हें यह कहकर और धमकाया कि उनके खिलाफ यूट्यूब, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर वीडियो अपलोड हो गए हैं, जिन्हें डिलीट करने के लिए 55 हजार रुपये देने होंगे।
बिजेंद्र सिंह के पास इतने पैसे नहीं थे, इसलिए उन्होंने अपनी पत्नी के जेवरात गिरवी रखकर रुपये का इंतजाम किया और आरोपियों के बताए खाते में रकम जमा कर दी। इसके बाद 16 अगस्त को तीसरी बार कॉल आई और कहा गया कि युवती की मौत हो गई है और उसके माता-पिता एक और मुकदमा दर्ज करा रहे हैं। राजीनामा के नाम पर ढाई लाख रुपये की मांग की गई। शिक्षक ने इस बार अपने बेटे को जानकारी दी, जो सर्राफ के पास गए थे। सर्राफ ने मामले को समझते हुए पुलिस में शिकायत करने की सलाह दी, जिसके बाद बिजेंद्र सिंह ने साइबर क्राइम हेल्पलाइन और साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की और आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। एसीपी डॉ. सुकन्या शर्मा ने बताया कि पुलिस कभी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है, और यदि कोई वीडियो कॉल करके इस तरह की धमकियां दे, तो यह साइबर क्राइम हो सकता है। इस मामले में जांच के बाद मुकदमा दर्ज किया गया और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पिछले साल आगरा में साइबर क्राइम के 185 मामले दर्ज किए गए थे।