आजमगढ़: गोवंश अवशेष मामले में एसपी का बड़ा कदम, थानाध्यक्ष लाइन हाजिर

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आजमगढ़ जिले के अहरौला थाना क्षेत्र के शमसाबाद मंजूषा पुल के पास गोवंश के अवशेष मिलने के मामले में शिथिलता बरतने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) हेमराज मीना ने थानाध्यक्ष मनीष पाल को लाइन हाजिर कर दिया है। थानाध्यक्ष पर कई अन्य गंभीर आरोप भी लगे थे, जिनकी जांच अभी जारी है।

 

क्या है मामला?

 

मंगलवार सुबह शमसाबाद मंजूषा पुल के पास नदी किनारे गोवंश के अवशेष मिले थे। इस मामले में थानाध्यक्ष मनीष पाल ने बिना किसी उचित कार्रवाई के अवशेष को दफन करा दिया। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के जिला संयोजक प्रशांत कुमार ने इस लापरवाही के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। वीएचपी के प्रांत संयोजक गौरव सिंह रघुवंशी ने इसे लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “एक्स” पर ट्वीट करते हुए आजमगढ़ पुलिस, डीएम, डीआईजी, यूपी पुलिस और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को घटना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने मांग की कि घटना की गहन जांच की जाए और उचित कार्रवाई हो।

 

एसपी ग्रामीण की जांच और कार्रवाई

 

घटना की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी हेमराज मीना ने एसपी ग्रामीण को जांच का जिम्मा सौंपा। एसपी ग्रामीण ने शाम को घटनास्थल का दौरा किया और जेसीबी मशीन से अवशेषों को बाहर निकलवाया। फोरेंसिक टीम ने सैंपलिंग की, और अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। जांच रिपोर्ट के आधार पर, एसएसपी ने थानाध्यक्ष मनीष पाल को कर्तव्य में लापरवाही और गंभीर आरोपों के तहत लाइन हाजिर कर दिया।

 

जांच जारी

 

थानाध्यक्ष पर लगे अन्य आरोपों की जांच अभी भी चल रही है। इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली और कर्तव्य पालन पर सवाल खड़े किए हैं। एसएसपी हेमराज मीना ने स्पष्ट किया है कि लापरवाही या दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

 

यह मामला शासन-प्रशासन की पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए एक कड़ा संदेश है कि कानून के प्रति लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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