दिल्ली चुनाव: 27 साल का बीजेपी का सूखा, AAP के सामने नई चुनौतियाँ

दिल्ली के विधानसभा चुनाव की तारीख का आज (07 जनवरी) को एलान हो गया है। चुनाव आयोग ने दोपहर में दो बजे प्रेस क्रॉन्फ्रेस करके चुनाव की डेट तय कर दी है। विस चुनाव की तारीख का एलान होने से सियासी पारा भी चढ़ गया है। अब देखना यह होगा कि इस बार के चुनावी दंगल में कौन बाजी मारता है?
27 साल से सूखा झेल रही बीजेपी
राजधानी दिल्ली में पिछले 27 साल से सूखा झेल रही बीजेपी इस बार किसी भी हाल में चुनाव को जीतना चाहती है। दिल्ली की सत्ता हासिल करने के लिए बीजेपी ने पूरी तरह से कमर कस ली है और अपने कार्यकर्ताओं को घर-घर पहुंचने का जिम्मा दिया है। यही वजह है कि बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता गरीबों के बीच जाकर अपनी पार्टी का प्रचार कर रहे हैं। इतना ही नहीं झुग्गियों में रहने वाले लोगों के साथ रात्रि विश्राम कर उन्हें बीजेपी की सभी योजनाओं के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। ऐसे में मतदाताओं को लुभाने की पूरी कोशिश की जा रही है।
बताना जरूरी होगा कि दिल्ली में बीजेपी की सरकार 1993 में बनी थी। उस समय भाजपा ने मदनलाल खुराना को मुख्यमंत्री बनाया था। हालांकि, बीजेपी को 49 सीटों पर बड़ी जीत मिलने के बाद भी पांच साल के कार्यकाल में तीन मुख्यमंत्री बदलने पड़े थे। बीजेपी ने मदनलाल खुराना के बाद साहिब सिंह वर्मा और फिर अंत में सुषमा स्वराज को सीएम बनाया था। इसके बाद से दिल्ली में बीजेपी की सरकार नहीं बनी।