Prasant Kishore: उर्फ पीके को पटना पुलिस ने किया था गिरफ्तार, गिरफ्तारी के 6 घंटे बाद कोर्ट से मिली जमानत

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जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर उर्फ पीके को पटना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पीके के समर्थकों के साथ हुए हंगामे के बाद उन्हें मेडिकल जांच के लिए फतुहा ले जाया गया। इसके बाद उन्हें सिविल कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जमानत मिल गई। बता दें कि पीके और उनके 43 समर्थकों को गिरफ्तार किया गया था, साथ ही 15 वाहन भी जब्त किए गए थे। यह कार्रवाई पटना में उनके धरने के बाद हुई है, जिसके लिए प्रशासन ने उन्हें निर्धारित जगह पर धरना देने को कहा था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।

गैरकानूनी तरीके से धरना देने का आरोप

प्रशांत किशोर पर गैरकानूनी तरीके से धरना प्रदर्शन करने का आरोप था। पुलिस ने उन्हें पहले एम्स ले जाकर मेडिकल जांच कराने की कोशिश की, लेकिन उनके समर्थकों ने हंगामा कर दिया। इसके बाद पुलिस उन्हें फतुहा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गई, जहां उनकी मेडिकल जांच हुई। मेडिकल जांच के बाद पुलिस पीके को सिविल कोर्ट लेकर पहुंची, जहा उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। कोर्ट में 25 हजार मुचलके पर जमानत दे दी।

वैनिटी वैन को डीटीओ कार्यालय

पीके की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। सिविल कोर्ट परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी और भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। कोर्ट परिसर छावनी में तब्दील हो गया था। पीके और उनके लगभग 43 समर्थकों को हिरासत में लिया गया है। साथ ही, 15 वाहनों को भी जब्त किया गया है, जिसमें पीके की वैनिटी वैन भी शामिल है। जब्त की गई वैनिटी वैन को डीटीओ कार्यालय में रखा गया है।

डीएम बोली- पीके ने नहीं मानी बात

पटना के जिलाधिकारी (डीएम) ने बताया कि पीके को कई बार निर्धारित जगह पर धरना करने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने प्रशासन की बात नहीं मानी। उन्होंने कहा कि कई बार आग्रह किया गया कि निर्धारित स्थल पर धरना किया जाए। लेकिन पीके के द्वारा नहीं मानी गई। जिसके बाद गिरफ्तारी की गई। डीएम ने आगे बताया कि बार-बार समझाने के बाद भी पीके नहीं माने, जिसके बाद गांधी मैदान थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि पर्याप्त समय देने के बाद ही यह कार्रवाई की गई है।

डीएम ने बताया कि अब तक हिरासत में लिए गए 43 लोगों में से 30 लोगों की पहचान की जा चुकी है। इनमें से केवल पांच लोग पटना के रहने वाले हैं, जबकि बाकी लोग दूसरे जिलों से हैं। इनमें से चार लोग उत्तर प्रदेश और एक दिल्ली का रहने वाला है। डीएम ने यह भी बताया कि हिरासत में लिए गए ज्यादातर लोग एक खास पार्टी के कार्यकर्ता हैं।

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