जेडेयु  के नीरज कुमार ने जन सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर के अनशन पर साधा निशाना,आंदोलन को राजनीतिक नाटक बताया

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जेडेयु  के मुख्य प्रवक्ता एवं विधान परिषद के सदस्य नीरज कुमार ने जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) के आमरण अनशन पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पीके का आंदोलन राजनीतिक नाटक से अधिक कुछ नहीं है। 

इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि शराबबंदी का विरोध करने वाले प्रशांत किशोर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे बैठ कर अनशन करने का नैतिक अधिकार नहीं है। 

शराबबंदी समाप्त करने के बयान पर साधा निशाना

नीरज कुमार ने कहा कि बापू ने शराब के सेवन को पाप की श्रेणी में रखा था। उन्हीं से प्रभावित होकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में शराबबंदी कानून को लागू किया।अब प्रशांत किशोर कह रहे कि उनकी सरकार बनी तो शराबबंदी समाप्त कर देंगे। शराब की आमदनी से मिलने वाली राशि को शिक्षा पर खर्च करेंगे। 

युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने का लगाया आरोप

नीरज ने कहा कि असल में प्रशांत किशोर को बेरोजगार छात्रों से कोई सहानुभूति नहीं है। वे विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और सांसद पप्पू यादव के साथ राजनीतिक प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। इन तीनों का उद्देश्य छात्रों-युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना है। 

दूसरे दिन अनशन में पहुंची युवाओं की टोली

आमरण अनशन के दूसरे दिन शुक्रवार को जन सुराज पार्टी (जसुपा) के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) के आंदोलन में सहभागिता निभाने के लिए युवाओं की टोली आती-जाती रही। शिक्षाविद केसी सिन्हा भी पहुंचे, जो जसुपा की कोर कमेटी के सदस्य हैं। 

आते-जाते जत्थों के साथ सरकार विरोधी नारों से गांधी मैदान का वह कोना गूंज उठता, जहां बापू की प्रतिमा के नीचे पीके कड़ाके की ठंड में अनशन पर हैं। उन्हें मनाने-समझाने के लिए पटना के एडीएम भी पहुंचे। 

CM के संवाद तक जारी रहेगा अनशन

  • इस दौरान प्रशांत किशोर ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीपीएससी अभ्यर्थियों से स्वयं संवाद नहीं करते, तब तक वे अनशन पर डटे रहेंगे।
  • मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद अभ्यर्थी तय करेंगे कि आगे क्या करना है।
  • अभ्यर्थियों का हर निर्णय उन्हें स्वीकार्य होगा। उल्लेखनीय है कि पीके शिक्षा-व्यवस्था से संबंधित पांच मांगों को लेकर गुरुवार शाम से अनशन पर बैठे हैं।

बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में अनियमितता के बाद सभी केंद्रों पर पुनर्परीक्षा की मांग भी उनमें से एक है। हालांकि, आयोग द्वारा एक केंद्र की परीक्षा रद करने की घोषणा पहले की कर दी गई थी और शनिवार को पुनर्परीक्षा के लिए उस केंद्र के अभ्यर्थियों को 22 परीक्षा केंद्रों पर बुलाया भी गया है। 

इस बीच प्रशासन के स्तर से पीके को समझाने का प्रयास भी हो रहा। पीके ने एडीएम से कह दिया कि 29 दिसंबर को प्रशासन के कहने पर भी उन्होंने अभ्यर्थियों को धरना समाप्त करने के लिए कहा था। 

उसके बाद आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज हुई। अब प्रशासन के कहने पर आंदोलन वापस नहीं होगा। शर्त एक ही है कि मुख्यमंत्री का सकारात्मक हस्तक्षेप हो

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