MP News: यूनियन कार्बाइड कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निष्पादन, सीएम ने कांग्रेस पर साधा निशाना

भोपाल में 1984 में हुई यूनियन कार्बाइड गैस त्रासदी के बाद फैक्टरी के कचरे के निष्पादन पर उठ रही आशंकाओं को लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर और वैज्ञानिक मार्गदर्शन में इस कचरे का निष्पादन पीथमपुर में किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कचरे के निष्पादन की प्रक्रिया पूरी तरह से सुरक्षित और वैज्ञानिक पद्धति से की जा रही है, और इससे किसी भी तरह का पर्यावरणीय खतरा नहीं है।
कचरे का निष्पादन वैज्ञानिक तरीके से हो रहा है
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूनियन कार्बाइड के 358 टन कचरे में 60 प्रतिशत मिट्टी और 40 प्रतिशत केमिकल अपशिष्ट जैसे 7 नेफ्थाल शामिल हैं। उन्होंने बताया कि नेफ्थाल का असर 25 वर्षों में समाप्त हो जाता है, और चूंकि 40 साल पहले यह घटना घटी थी, इसलिए अब कचरे के निष्पादन से कोई नुकसान होने की संभावना नहीं है।
गहन अध्ययन और परीक्षण के बाद निष्पादन प्रक्रिया तय की गई
डॉ. मोहन यादव ने बताया कि कचरे के निष्पादन के लिए कई संस्थाओं द्वारा गहन अध्ययन और परीक्षण किए गए हैं, जिनमें नेशनल इन्वायरमेंट इंजीनियरिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (नागपुर), नेशनल जियोफिजिकल इंस्टीट्यूट (हैदराबाद), और आईआईसीटी (हैदराबाद) जैसी संस्थाओं के अध्ययन शामिल हैं। पहले भी 2013 में केरल के कोच्ची में यूनियन कार्बाइड के समान कचरे का परीक्षण किया जा चुका है, जिसे पीथमपुर में जलाकर सफलतापूर्वक निष्पादित किया गया था।
राजनीतिक बयानबाजी पर मुख्यमंत्री का जवाब
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रक्रिया को लेकर जो राजनीति हो रही है, वह गलत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अन्य विरोधी पार्टियों को इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए, क्योंकि भोपाल के लोग 40 वर्षों से इस कचरे के साथ रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि कचरे के निष्पादन के लिए पारदर्शिता बनाए रखी जा रही है और सभी लोगों को विश्वास में लेकर यह प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है।
गैस पीड़ितों के प्रति निष्ठुर व्यवहार
डॉ. मोहन यादव ने कहा कि 1984 में भोपाल गैस त्रासदी के दौरान वे शहर में ही थे और घटना के बाद तत्कालीन सरकार ने गैस पीड़ितों के साथ निष्ठुर व्यवहार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने 20 साल तक इस समस्या को हल करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी दोमुंही राजनीति कर रही है और उसे भोपालवासियों की चिंता नहीं है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस को इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।”
यह बयान प्रदेश सरकार की कचरे के निष्पादन प्रक्रिया के समर्थन में था, जिसमें सरकार ने इसे पूरी तरह से वैज्ञानिक और सुरक्षित बताया है, और भोपालवासियों को इस बारे में चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है।