महाकुंभ: संगम पर रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए सती माता का शिवशक्ति महायज्ञ

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रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे तीन साल से ज्यादा पुराने युद्ध को समाप्त करने के लिए एक अनोखा प्रयास हो रहा है। रूस की साध्वी उत्तमिका ओम गिरि और यूक्रेन की आदिशक्ति सती माता एक साथ शांति महायज्ञ में भाग लेंगी, जिसमें दोनों आहुतियां देंगी। यह महायज्ञ खारकीव के श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी विष्णु देवा नंद सरस्वती की देखरेख में होगा। स्वामी विष्णु देवा नंद की शिष्याएं शांति के इस आयोजन के माध्यम से युद्ध समाप्ति के लिए आह्वान करेंगी और एक सकारात्मक संदेश फैलाएंगी।महायज्ञ का आयोजन 25 से 30 जनवरी तक सेक्टर-18 में किया जाएगा, जिसमें 200 से ज्यादा विदेशी साधु-साध्वियां हिस्सा लेंगी। इस महायज्ञ की तैयारी स्वामी विष्णु देवा नंद खुद कर रहे हैं, और इस आयोजन में जापान तथा कनाडा से भी संत शामिल होंगे। उनका मानना है कि शांति और सद्भाव का संदेश अब बेहद जरूरी है, खासकर रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए।

यूक्रेन की साध्वी आदिशक्ति सती माता ने बताया कि खारकीव में लगातार हो रहे मिसाइल हमलों ने वहां के लोगों का जीवन तबाह कर दिया है, और अब वहां सिर्फ खौफ और आक्रोश का माहौल है। वह महायज्ञ में मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी में स्नान करके शांति के लिए आहुतियां देंगी। उनका कहना है कि अब समय आ गया है कि युद्ध को खत्म किया जाए और दोनों देशों के लोग शांति की ओर बढ़ें।इसके साथ ही, सती माता कुंडलिनी जागरण के अभ्यास को भी बढ़ावा देती हैं, जो मानसिक शांति और अवसाद से मुक्ति पाने का एक तरीका है। वह ऑनलाइन कुंडलिनी पाठ्यक्रम भी चलाती हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस साधना का हिस्सा बन सकें। उनका मानना है कि कुंडलिनी जागरण से व्यक्ति को आंतरिक शक्ति मिलती है, जो उसे जीवन के संघर्षों से निपटने में मदद करती है।यह महायज्ञ शांति और प्रेम के संदेश को फैलाने का एक बड़ा प्रयास है, जो उम्मीद करता है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के समाप्त होने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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