प्लास्टर की पपड़ी से बच्चे की सांस नली में अटक गई, डॉक्टरों ने सफलता से किया इलाज।

एसएन मेडिकल कॉलेज में एक 18 महीने के बच्चे यश की अनोखी स्थिति का इलाज किया गया, जिसमें उसकी सांस की नली में घर की दीवार से गिरकर एक प्लास्टर की पपड़ी फंस गई थी। बच्चे को सांस लेने में कठिनाई हो रही थी, जिसके बाद परिजन उसे बृहस्पतिवार रात 3:30 बजे एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में लेकर पहुंचे। चिकित्सकों ने तुरंत ब्रोंकोस्कोपी करके पपड़ी को बाहर निकाला और बच्चे की हालत में सुधार हुआ। अगले दिन उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।
एसएन मेडिकल कॉलेज के ईएनटी सर्जन डॉ. अखिल प्रताप सिंह ने बताया कि पहले बच्चे का एक्सरे कराया गया, जिसमें कोई खास समस्या नहीं दिखी, लेकिन सांस लेने में दिक्कत बढ़ने के बाद सीटी स्कैन कराया गया, जो संभव नहीं हो सका। इसके बाद ब्रोंकोस्कोपी की गई, जिसमें यह पाया गया कि बच्चे की सांस की नली में एक बाहरी वस्तु फंसी हुई है, जो प्लास्टर की पपड़ी थी। पिता विष्णु ने बताया कि यह पपड़ी बच्चे ने खेलते हुए खा ली थी, जो पेट में जाने के बजाय सांस की नली में फंस गई थी। यदि समय रहते ब्रोंकोस्कोपी नहीं की जाती, तो बच्चे की जान को खतरा हो सकता था।
इस घटना से यह सीख मिलती है कि छोटे बच्चों के खाने-पीने और खेलने की चीजों पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्हें छोटी चीजें, जैसे मूंगफली के दाने, बटन, या खिलौनों के छोटे पार्ट्स नहीं दिए जाने चाहिए, क्योंकि ये मुंह में जाने पर सांस की नली में फंस सकते हैं। इसके अलावा, यदि बच्चे को सांस लेने में परेशानी महसूस हो, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।