Gorakhpur AIIMS: एम्स में महिला की मौत के बाद हंगामा, आरोप: डाक्टरों की लापरवाही से हुई मौत
Jessica Singh December 26, 2024
UP News: बुधवार देर शाम एम्स की इमरजेंसी में एक महिला की मृत्यु के बाद हंगामा खड़ा हो गया। आरोप है कि महिला को वेंटिलेटर पर रखने के दौरान जूनियर डॉक्टरों ने गले में नली गलत तरीके से डाल दी, जिससे महिला का दम घुट गया और उनकी मौत हो गई। स्वजन ने इस लापरवाही के खिलाफ एम्स थाने में तहरीर दी और डाक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। इसके अलावा, उन्होंने सदर सांसद रविकिशन शुक्ल से भी शिकायत की है।
स्वजन का आरोप: सांसद की पहल पर भर्ती, फिर भी इलाज में लापरवाही
स्वजन का कहना है कि सांसद रविकिशन शुक्ल के हस्तक्षेप के बाद महिला को एम्स की इमरजेंसी में भर्ती किया गया था। हालाँकि, इमरजेंसी में पहले उन्हें भर्ती नहीं किया गया था और बाद में भी इलाज में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। मंगलवार को बेलीपार के मलाव की 65 वर्षीय सोना देवी को सांस लेने में तकलीफ के कारण एम्स लाया गया था, लेकिन अस्पताल ने पहले बेड खाली होने का बहाना किया और इलाज में देरी की। बुधवार को जैसे ही महिला को बेड दिया गया, इलाज के दौरान जूनियर डॉक्टर ने गले में पाइप डाला और इसके बाद उनके मुंह से खून आने लगा, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। स्वजन ने डाक्टरों की लापरवाही और अभद्रता का आरोप लगाया है।
डाक्टरों की लापरवाही पर तीव्र प्रतिक्रिया
एम्स की मीडिया सेल की चेयरपर्सन डा. आराधना सिंह ने कहा कि इस मामले में कोई लापरवाही नहीं हुई है और महिला की हालत गंभीर थी। उन्होंने यह भी कहा कि महिला का इलाज विभिन्न विभागों के डॉक्टरों द्वारा किया गया था। हालांकि, स्वजन का कहना है कि डाक्टरों ने समय पर उपचार नहीं किया और जब महिला की हालत बिगड़ी तो कोई सीनियर डॉक्टर भी मौजूद नहीं थे।
अस्पताल प्रशासन और सांसद के बीच हुई चर्चा
सांसद के पीआरओ पवन दुबे ने बताया कि उन्हें शिकायत पत्र प्राप्त हुआ है और सांसद को मामले की पूरी जानकारी दे दी गई है। सांसद इस घटना से नाराज हैं और उन्होंने मंत्रालय में शिकायत करने का आश्वासन दिया है। स्वजन का कहना है कि लापरवाही के कारण मरीज की जान गई और इसके लिए दोषी डाक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
अस्पताल में लापरवाही के अन्य मामलों का भी खुलासा
एम्स में इस घटना के बाद अन्य लापरवाही के मामले भी सामने आए हैं। सिवान की 70 वर्षीय प्रभावती देवी, जो पेट दर्द की शिकायत के कारण एम्स में भर्ती थीं, बुधवार रात उपचार में लापरवाही के कारण उनकी मृत्यु हो गई। इसके अलावा, बिहार के धर्मेंद्र नामक एक युवक की भी मृत्यु हुई, जिसका आरोप है कि डाक्टरों ने इलाज में कोई रुचि नहीं दिखाई।
गोवा से आया रोगी वापस लौटा, बेड की कमी की वजह से उपचार में देरी
एम्स के इमरजेंसी विभाग में गोवा से इलाज के लिए आए शैलेश गुप्ता को भी बेड की कमी का सामना करना पड़ा। उसे वापस भेज दिया गया और उपचार में कोई मदद नहीं की गई। इसी तरह, देवरिया से आई एक महिला को भी भर्ती नहीं किया गया, और स्ट्रेचर पर लेटी महिला को फर्श पर छोड़ दिया गया।
इस प्रकार, एम्स की इमरजेंसी सेवा में लापरवाही के चलते कई रोगियों की मृत्यु हो गई और अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगे हैं।