हरियाणा के दिग्गज नेता ओमप्रकाश चौटाला का 90 वर्ष की उम्र में निधन

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला का शुक्रवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे। लंबे समय से सांस लेने की समस्या से जूझ रहे चौटाला को शुक्रवार सुबह 11:35 बजे अस्पताल की आपातकालीन इकाई में भर्ती कराया गया था, जहां दोपहर 12 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। डॉक्टरों ने उनकी मृत्यु का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया।
अंतिम दर्शन और अंतिम संस्कार
ओम प्रकाश चौटाला का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक सिरसा स्थित तेजा खेड़ा फार्म पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। दोपहर 3 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
राजनीतिक सफर की शुरुआत
1 जनवरी 1935 को सिरसा के गांव चौटाला में जन्मे ओम प्रकाश चौटाला ने हरियाणा की राजनीति में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं। वे पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। पहली बार 2 दिसंबर 1989 को मुख्यमंत्री बने और 1990 तक इस पद पर रहे। इसके बाद उन्होंने 1990, 1991, 1999, और 2000 में मुख्यमंत्री पद संभाला। 2000 में उनका कार्यकाल पूरे पांच साल चला।
हरियाणा लोकदल की स्थापना
1996 के लोकसभा चुनावों के बाद चौटाला ने हरियाणा लोकदल (राष्ट्रीय) नाम से नई पार्टी बनाई। 1998 में उन्होंने बसपा के साथ गठबंधन कर हरियाणा में पांच लोकसभा सीटें जीतीं। बाद में उनकी पार्टी का नाम बदलकर इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) रखा गया।
ओम प्रकाश चौटाला ने 82 साल की उम्र में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) से 10वीं की परीक्षा पास की। तिहाड़ जेल में एनआईओएस के स्टडी सेंटर से परीक्षा देकर उन्होंने 55.40% अंकों के साथ द्वितीय श्रेणी में सफलता प्राप्त की।
नेताओं ने जताया शोक
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चौटाला के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “हरियाणा की राजनीति में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा।” कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव मल्लिकार्जुन खरगे ने लिखा, “चौटाला जी ने हरियाणा और देश की सेवा में अमूल्य योगदान दिया।”
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उन्हें याद करते हुए कहा, “चौटाला जी ने जनता की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित किया। हमारे संबंध हमेशा सौहार्दपूर्ण रहे। वे मेरे बड़े भाई की तरह थे।”
विरासत
ओम प्रकाश चौटाला अपने मजबूत नेतृत्व और हरियाणा की राजनीति में निर्णायक भूमिका के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। उनकी सादगी, संघर्ष, और जनता के प्रति सेवा का भाव आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत रहेगा।