भांग और ड्राईफ्रूट से बाबा महाकाल का अलौकिक श्रृंगार, गूंजा तव शरणम”

पौष माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर भगवान महाकाल को केसर मिश्रित जल और पंचामृत से स्नान कराया गया। भस्म आरती का विधिवत संचालन पुजारी पंडित अभिषेक शर्मा ने किया। भक्तों ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से भगवान के दिव्य दर्शन किए और “जय श्री महाकाल” के जयकारों से वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
शुक्रवार सुबह हुई भस्म आरती में बाबा महाकाल का भांग, ड्राईफ्रूट और अन्य पूजन सामग्रियों से त्रिपुंड लगाकर विशेष श्रृंगार किया गया। आरती के दौरान श्री महाकालेश्वर तव शरणम की गूंज भक्तों को अद्भुत अनुभूति कराती रही। बाबा महाकाल के इस अलौकिक स्वरूप ने हर किसी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
सुबह 4 बजे भगवान महाकाल के जागरण के साथ मंदिर के पट खोले गए। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर उन्हें गर्म जल, पंचामृत और केसर युक्त जल से स्नान कराया गया। इसके बाद विशेष श्रृंगार के तहत बाबा महाकाल को त्रिपुंड लगाया गया और पूजन-अर्चन के उपरांत भस्म अर्पित की गई। महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा बाबा को भस्म चढ़ाई गई, जो श्रद्धालुओं को एक दिव्य अनुभव प्रदान कर गई।
श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से भस्म आरती के दर्शन कर अपने जीवन को धन्य माना। बाबा महाकाल के निराकार से साकार रूप का दर्शन करते हुए भक्तों ने “जय श्री महाकाल” के उद्घोष किए
दान में 1 लाख से अधिक की राशि अर्पित
उज्जैन निवासी हरिनारायण शर्मा ने बाबा महाकाल के चरणों में ₹1,05,251 की दान राशि अर्पित की। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने विधिवत रूप से दानदाता का सम्मान किया।
इस पवित्र अवसर ने श्रद्धालुओं के लिए भक्ति और दान का अनुपम संगम प्रस्तुत किया।