राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों में महकमों की अनदेखी, अफसरों के जवाब रहे खाली

38वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारी को लेकर सरकारी अफसरों में घोर असमंजस की स्थिति है, जबकि केवल 37 दिन ही बाकी हैं। सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेयी ने बृहस्पतिवार को इस बारे में बैठक बुलाई, जिसमें विभागों के अधिकारी यह तक नहीं बता पाए कि उन्हें क्या काम करना है। बैठक गौलापार स्टेडियम के ऑडिटोरियम में आयोजित की गई थी, और इस दौरान कई चौंकाने वाले जवाब मिले। अधिकारियों को खेलों की तैयारियों के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं थी, जिससे यह सवाल उठता है कि इतने बड़े आयोजन के लिए जिम्मेदार अफसरों को इस स्थिति में क्यों रखा गया है।बैठक के बाद सिटी मजिस्ट्रेट ने अधिकारियों के साथ स्टेडियम का निरीक्षण किया, जिसमें तरणताल, ताइक्वांडो हॉल और खो-खो हॉल का जायजा लिया गया।
उन्होंने ट्रायथलॉन साइकिलिंग रूट का भी निरीक्षण किया। सिटी मजिस्ट्रेट ने अफसरों को निर्देश दिया कि अब चिट्ठी-पत्री का समय नहीं है और वे तुरंत काम शुरू करें। उन्होंने कहा कि अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है, और सभी विभागों को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए समन्वय से काम करना होगा।बैठक में नगर निगम, अग्निशमन विभाग और अन्य विभागों के जवाब भी निराशाजनक थे। नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त ने कहा कि वे नए हैं और उन्हें तैयारियों के बारे में जानकारी नहीं है। अग्निशमन विभाग ने भी बताया कि स्टेडियम में तीन साल पहले आग से निपटने की व्यवस्था को अपडेट किया गया था, लेकिन राष्ट्रीय खेलों के लिए कोई नई योजना नहीं बनाई गई है।
सिटी मजिस्ट्रेट ने विभिन्न विभागों को खास जिम्मेदारियां दी हैं:
लोनिवि को पंतनगर एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन से स्टेडियम तक सड़कों की मरम्मत और उनकी मार्किंग करने को कहा गया।नगर निगम को बाइपास स्थित ट्रंचिंग ग्राउंड में कूड़े के ढेर हटाने और मुख्य मार्गों को डस्टबिन-फ्री करने के लिए कहा गया।रेलवे से हल्द्वानी और काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर पार्किंग सुधारने और सूचना के बोर्ड लगाने को कहा गया।
होटल संघ को होटल कर्मचारियों का सत्यापन और साइबर सुरक्षा जांचने के लिए निर्देशित किया गया।
सिटी मजिस्ट्रेट ने सभी विभागों से इन कार्यों को जल्दी से पूरा करने की उम्मीद जताई, ताकि राष्ट्रीय खेलों के लिए शहर पूरी तरह से तैयार हो सके।