वनवासियों का सपना हुआ सच, राज्यपाल ने दी भूमि का मालिकाना हक, चेहरे पर आई खुशी

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दशकों से भूमि पर मालिकाना हक पाने की आस संजोए वनवासियों के लिए बृहस्पतिवार का दिन एक ऐतिहासिक मोड़ लेकर आया, जब उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने उन्हें वनाधिकार कानून के तहत भौमिक अधिकार प्रदान किए। यह आयोजन सेवाकुंज आश्रम चपकी में हुआ, जहां राज्यपाल ने वनवासियों को भूमि के अधिकार का प्रमाण पत्र सौंपा। इस मौके पर राज्यपाल ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण किट और बच्चों के लिए खिलौने भी वितरित किए।

 

राज्यपाल ने अपने दो दिवसीय भ्रमण के अंतिम दिन सुबह सेवाकुंज आश्रम का दौरा किया, जहां उनका स्वागत आदिवासी लोकनृत्य करमा से किया गया। इसके बाद, राज्यपाल ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और वनवासियों के शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण पर विशेष जोर दिया। इस समारोह में समाज कल्याण मंत्री संजीव सिंह गोंड, एससी-एसटी आयोग के उपाध्यक्ष जीत सिंह खरवार, पूर्व राज्यसभा सांसद रामशकल, और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।

 

वनाधिकार प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाले लाभार्थियों में दुद्धी के सतबहनी के धनपतिया, रग्घू सिंह, फुलेसरी देवी, कलावती, राजकुमारी, राजबली, रॉबर्ट्सगंज के चौरा गांव के नारायण, पानमति, दामोदर, अवधेश, और अनंत लाल शामिल थे। उनके चेहरे पर खुशी और संतोष की झलक थी, क्योंकि वे कई पीढ़ियों से जिस भूमि पर रह रहे थे, उस पर उनका कोई अधिकार नहीं था। अब उन्हें वन विभाग के उत्पीड़न से मुक्ति मिल जाएगी और वे सुरक्षित महसूस करेंगे। चौरा के दामोदर और अवधेश ने बताया कि यह दिन वर्षों बाद आया है, जिस पर उन्होंने हमेशा से अधिकार की आशा की थी।

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