कांग्रेस कार्यकर्ता की मौत के बाद प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल, प्रदेश अध्यक्ष को रोकने का आरोप

कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडेय की संदिग्ध मौत के बाद मामला गरमा गया है। बुधवार को उनके शव का पोस्टमार्टम हुआ, लेकिन मौत की वजह अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है। इस मामले में उनके चाचा मनीष ने हुसैनगंज थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज कराई है। मनीष का आरोप है कि प्रभात के साथ कुछ अनहोनी हुई है और यह हत्या का मामला प्रतीत होता है।
प्रभात पांडेय, जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, बुधवार को अचानक कांग्रेस दफ्तर में बेहोश पाए गए थे। उनके चाचा के अनुसार, कांग्रेस कार्यालय से उन्हें फोन आया कि उनका भतीजा दो घंटे से बेहोश पड़ा है। इसके बाद मनीष ने अपने परिचित संदीप को प्रभात के पास भेजा, जिन्होंने फोन पर बताया कि प्रभात के हाथ-पैर ठंडे पड़ गए हैं। संदीप के दबाव के बाद, कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रभात को इनोवा गाड़ी से सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
प्रभात की मौत की जांच के लिए पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने कांग्रेस कार्यालय से साक्ष्य एकत्रित करने के लिए फोरेंसिक टीम भेजी। फोरेंसिक टीम ने वहां से साक्ष्य संकलित किए और प्रभात के मोबाइल फोन को जांच के लिए भेजा। इसके अलावा, यह जानकारी भी जुटाई जा रही है कि प्रभात के साथ गोरखपुर से कौन लोग आए थे और प्रदर्शन के दौरान कौन लोग उनके साथ थे। डीसीपी मध्य रवीना त्यागी ने बताया कि मामले में शामिल लोगों से पूछताछ की जाएगी और जिनकी लापरवाही सामने आएगी, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को गोरखपुर में प्रभात के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पुलिस ने रोक लिया, जिसके बाद पार्टी नेताओं ने विरोध जताया। कांग्रेस नेताओं ने इसे “शर्मनाक” बताया और कहा कि पुलिस का “तांडव” जारी है। उन्होंने प्रशासन के इस कदम की कड़ी निंदा की।
प्रभात पांडेय की मौत की जांच जारी है, और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, पुलिस को कोई स्पष्ट चोट या साक्ष्य नहीं मिले हैं, लेकिन यह मामला हत्या के रूप में सामने आ रहा है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।