बिहार में 91 दिनों की छुट्टी: शिक्षकों और कर्मियों के लिए नया कैलेंडर जारी

बिहार के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों के लिए वर्ष 2025 के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर की स्वीकृति के बाद राजभवन ने आगामी वर्ष के लिए छुट्टियों का कैलेंडर जारी कर दिया है। इस नए कैलेंडर के अनुसार, अगले साल शिक्षकों और कर्मचारियों को कुल 91 दिन की छुट्टी मिलेगी, जिनमें 10 रविवार भी शामिल हैं। यह कैलेंडर न केवल कर्मचारियों के लिए राहत की खबर है, बल्कि यह उन्हें बेहतर तरीके से अपने परिवार के साथ समय बिताने और व्यक्तिगत कार्यों को पूरा करने के लिए पर्याप्त समय देगा।
इस कैलेंडर के मुताबिक, वर्ष 2025 में शिक्षकों को गर्मी की छुट्टी 21 मई से 20 जून तक मिलेगी, जो एक महीने की लंबी छुट्टी होगी। इसके अलावा, होली के त्योहार पर 13 से 16 मार्च तक लगातार चार दिनों की छुट्टी मिलेगी। इसी तरह, दुर्गा पूजा और महात्मा गांधी जयंती पर 29 सितंबर से 3 अक्टूबर तक पांच दिन की छुट्टी का आनंद लिया जा सकेगा। 20 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक, विशेष रूप से श्रीकृष्ण सिंह जयंती, दिवाली, चित्रगुप्त पूजा, भैया दूज और छठ के अवसर पर नौ दिनों की लंबी छुट्टी दी जाएगी। इसके अलावा, क्रिसमस और गुरु गोविंद सिंह जयंती पर 25 से 31 दिसंबर तक सात दिनों की छुट्टी दी जाएगी।
इसके अलावा, वर्ष 2025 की शुरुआत में भी कर्मचारियों को 5 दिनों की छुट्टी मिलेगी, जिनमें नव वर्ष, गुरु गोविंद सिंह जयंती, मकर संक्रांति, कर्पूरी ठाकुर जयंती और गणतंत्र दिवस शामिल हैं। विशेष रूप से, 22 मार्च को बिहार दिवस के अवसर पर शनिवार को छुट्टी दी जाएगी, और रविवार को अवकाश होने के कारण शिक्षकों और कर्मचारियों को लगातार दो दिन की छुट्टी का लाभ मिलेगा।
वर्ष 2025 में कुल 91 छुट्टियां घोषित की गई हैं, जबकि 2024 में यह संख्या 89 थी। इस प्रकार, 2025 में छुट्टियों की संख्या में दो का इज़ाफा हुआ है, जो शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए राहत देने वाली खबर है। हालांकि, ईद, बकरीद और मुहर्रम की छुट्टियों में चांद दिखने के अनुसार बदलाव हो सकता है, और इन छुट्टियों की तारीखें तय की जाएंगी।
यह कैलेंडर राज्य के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में लागू होगा, और इसे लेकर शिक्षकों में खुशी की लहर है। लंबे समय से छुट्टियों में कटौती से परेशान शिक्षकों के लिए यह एक सकारात्मक बदलाव है, जो उनकी कार्य-जीवन संतुलन में मदद करेगा।