गायत्री परिवार ने आयोजित किया अनोखा नवदंपती सम्मेलन, पति-पत्नी को दिए रिश्ते मजबूत करने के टिप्स

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उज्जैन की धार्मिक नगरी में गायत्री शक्तिपीठ पर नवदंपति सम्मेलन का आयोजन किया गया। गायत्री परिवार के जिला समन्वयक देवेंद्र श्रीवास्तव के अनुसार, इस विशेष आयोजन में 16 नवदंपतियों ने भाग लिया। इस अभिनव संस्कार कार्यक्रम का उद्देश्य नवदंपतियों को उनके वैवाहिक जीवन के वचनों और जिम्मेदारियों का स्मरण कराना और उन्हें सामंजस्यपूर्ण जीवन जीने के महत्व से अवगत कराना था।

 

महेश आचार्य, उपझोन समन्वयक, ने सम्मेलन में कहा कि पारिवारिक जीवन में जीवनसाथी एक मित्र की भूमिका निभाता है, जो पूर्णत: निष्पक्ष और सहयोगी होता है। उन्होंने बताया कि पति-पत्नी का कर्तव्य है कि वे एक-दूसरे के लाभ और भलाई को अपनी भलाई के रूप में देखें और परस्पर सहयोग से जीवन को सफल बनाएं।

 

मार्गदर्शन करते हुए प्रतिभा शर्मा ने पति-पत्नी के बीच स्नेह, सहिष्णुता, और उदारता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दोनों को एक-दूसरे के दोषों को भुलाने, सुधारने और गुणों को पहचानने का प्रयास करना चाहिए। इससे दांपत्य जीवन सुखद और संतुलित बनता है।

 

नागदा से आई पद्मा गोथरवाल के नेतृत्व में संगीत मंडली ने गीतों के माध्यम से दांपत्य जीवन के सरस सूत्र साझा किए। उनके गीतों ने सम्मेलन में शामिल नवदंपतियों को प्रेरित किया और पूरे वातावरण को उत्साहपूर्ण बना दिया।

 

विवाह दिवस कर्मकांड का आयोजन एमएल रणधवल ने किया, जबकि कार्यक्रम का संचालन अल्केश पटेल ने किया। नवदंपतियों ने इसे अपने जीवन का अभूतपूर्व अनुभव बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन उन्हें अपने रिश्तों को मजबूत बनाने और वैवाहिक जीवन के मूल्यों को समझने में मदद करता है।

 

गायत्री परिवार का यह अभिनव प्रयास आधुनिक समय में नवदंपतियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रहा है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य वैवाहिक जीवन को सुदृढ़ बनाना और रिश्तों में सामंजस्य स्थापित करना है। प्रतिभागियों ने भविष्य में अधिक युवाओं को ऐसे आयोजनों में भाग लेने के लिए प्रेरित करने का संकल्प लिया।

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