ट्रिपलआईटी व स्लोवाकिया के विशेषज्ञ आईसीटी पर साथ मिलकर करेंगे शोध, समझौता पत्र पर हुआ हस्ताक्षर

भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआईटी) में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय आईईईई सम्मेलन का समापन रविवार को हुआ, जिसमें ट्रिपलआईटी और कोसिसे तकनीकी विश्वविद्यालय, स्लोवाकिया के बीच एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक समझौता हुआ। इस समझौते के तहत दोनों संस्थान सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के क्षेत्र में मिलकर अनुसंधान करेंगे और वैश्विक सीमाओं को पार करते हुए नई तकनीकी खोजों को बढ़ावा देंगे। यह समझौता दोनों संस्थानों के बीच अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक सहयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किया गया है।
सम्मेलन में विशेषज्ञों ने आईसीटी क्षेत्र में अंतःविषय सहयोग की आवश्यकता और जटिल चुनौतियों के समाधान पर जोर दिया। शोधकर्ताओं को पारंपरिक सीमाओं से परे काम करने की सलाह दी गई ताकि नवाचार को आगे बढ़ाया जा सके और सार्थक समाधान बनाए जा सकें। ट्रिपलआईटी के निदेशक प्रो. मुकुल शरद सुतावने ने सम्मेलन में कहा कि सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की भूमिका आने वाले वर्षों में और महत्वपूर्ण होने वाली है, क्योंकि तेजी से बदलते हुए तकनीकी परिदृश्य में यह हमारी कार्यप्रणाली और जीवन शैली को पूरी तरह से बदलने की क्षमता रखती है। प्रो. सुतावने ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), और 5G जैसी उभरती हुई तकनीकों पर भी चर्चा की, और इनकी मदद से आईसीटी पेशेवरों की मांग में वृद्धि का उल्लेख किया।
सम्मेलन के अध्यक्ष प्रो. यूएस तिवारी ने निरंतर सीखने और कौशल में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि तेजी से बदलते तकनीकी वातावरण के साथ तालमेल बैठाया जा सके। एसजीएसआईटीएस, इंदौर के निदेशक प्रो. नितेश पुरोहित ने शोधकर्ताओं और पेशेवरों को आईसीटी के नवीनतम विकास से अवगत रहने और उसे अपनाने के लिए प्रेरित किया।
इस सम्मेलन में प्रमुख डॉ. विजय कुमार चौरसिया ने कहा कि इस आयोजन ने दुनिया भर के विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर विचारों का आदान-प्रदान करने का बेहतरीन अवसर प्रदान किया। सम्मेलन के दौरान, डॉ. जोंग हून किम ने “मानव-रोबोट संपर्क में क्रांतिकारी बदलाव: भविष्य की जीवनशैली पर एआई-संवर्धित टेलीरोबोटिक्स के प्रभाव” पर व्याख्यान दिया, जिसमें उन्नत रोबोटिक्स द्वारा आकार ली गई एक नई दुनिया की झलक दिखाई गई।
सम्मेलन के दौरान “डिजिटल इंडिया: लक्ष्य और चुनौतियां” विषय पर एक प्रभावशाली पैनल चर्चा भी आयोजित की गई। इस चर्चा में प्रधानमंत्री कार्यालय के मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी डॉ. गुलशन राय, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. भरत पंचाल, और आईआईटी कानपुर के प्रो. संदीप के शुक्ला समेत कई प्रतिष्ठित पैनलिस्ट ने अपने विचार साझा किए। इस पैनल चर्चा ने डिजिटल इंडिया के कार्यान्वयन, उसकी चुनौतियों और भविष्य की दिशा पर गहरी चर्चा की, जो देश में डिजिटल तकनीकी सुधार की दिशा को निर्धारित करने में मददगार होगी।
यह सम्मेलन न केवल आईसीटी के क्षेत्र में नवीनतम अनुसंधान और तकनीकी विकास को सामने लाया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग और नेटवर्किंग के अवसर भी प्रदान किए, जो भविष्य में तकनीकी नवाचार के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे।