बाबा महाकाल की शरण में पहुंचे मनोज मुंतशिर, बोले- जो कुछ भी हूं, बाबा की कृपा से हूं

IMG_1940

प्रसिद्ध कवि और गीतकार मनोज मुंतशिर ने उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन किए। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में भाग लेने के लिए उज्जैन आए मनोज ने चांदी द्वार से बाबा महाकाल के दर्शन किए और नंदी हॉल में बैठकर ध्यान लगाया। उन्होंने नंदी जी के कानों में अपनी मनोकामना भी व्यक्त की। दर्शन के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने बाबा महाकाल के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उनके जीवन में जो भी सफलता और उपलब्धियां हैं, वे सब बाबा महाकाल की कृपा का परिणाम हैं। संघर्ष के समय में बाबा महाकाल के दर्शन से उन्हें अद्भुत आशीर्वाद मिला था, जिसने उनके जीवन की दिशा बदल दी।

 

मनोज मुंतशिर ने कालिदास संस्कृत अकादमी में आयोजित 5 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में भी हिस्सा लिया। सांस्कृतिक महोत्सव के पहले दिन उन्होंने गीता संवाद किया और गीता के गूढ़ संदेशों को अपनी रचनात्मकता के माध्यम से साझा किया। उनकी प्रस्तुति को दर्शकों से खूब सराहना मिली। यह आयोजन भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया था, जिसमें मनोज मुंतशिर ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

मनोज मुंतशिर का जीवन परिचय भी बेहद प्रेरणादायक है। उत्तर प्रदेश के अमेठी में जन्मे मनोज ने अपने करियर की शुरुआत “कौन बनेगा करोड़पति” के लिए पटकथा लिखने से की थी। इसके बाद उन्होंने हिंदी सिनेमा के लिए कई सुपरहिट गाने लिखे। उनके लोकप्रिय गीतों में “गलियां,” “तेरे संग यारा,” “कौन तुझे,” “फिर भी तुमको चाहूंगा,” और “तेरी मिट्टी” शामिल हैं।

 

मनोज मुंतशिर न केवल एक सफल गीतकार हैं, बल्कि अपनी राष्ट्रवादी सोच और गहरी कविताओं के लिए भी जाने जाते हैं। उनकी बाबा महाकाल के प्रति भक्ति और आस्था उनके जीवन के हर पहलू में झलकती है। उन्होंने उज्जैन में बाबा महाकाल से प्रार्थना की कि उनका आशीर्वाद सदैव बना रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हो सकता है आप चूक गए हों