पराग डेयरी के मिल्क एटीएम में आई खराबी, 27 लाख रुपये का नुकसान

अलीगढ़ के दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ (पराग डेयरी) पर हाल ही में एक ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर कई वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगे हैं। रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ है कि दूध कारोबार को बढ़ावा देने के लिए अलीगढ़ क्षेत्र में स्थापित करने के लिए खरीदी गई ऑल टाइम मिल्क मशीनों (एटीएम) का उपयोग कहीं नहीं किया गया, जबकि इन पर 27 लाख रुपये खर्च किए गए थे। इन मशीनों को 20 स्थानों पर स्थापित करने का प्रस्ताव था, लेकिन इनका संचालन कभी शुरू नहीं हुआ, जिससे शासकीय धन के दुरुपयोग का आरोप सामने आया।ऑडिट रिपोर्ट में लेखा परीक्षकों ने यह भी बताया कि एटीएम की खरीदारी से पहले उचित मार्केट सर्वे नहीं कराया गया था, जो कि एक सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है। इसके परिणामस्वरूप शासकीय धन का अनावश्यक और असंगत खर्च हुआ, जिसे लेकर सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, डेयरी अधिकारियों ने हालांकि मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी थी, जिसमें कहा गया था कि स्थान तय कर लिए गए हैं और जल्द ही एटीएम स्थापित कर दिए जाएंगे, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार अब तक इनमें से कोई भी मशीन स्थापित नहीं की गई है।
इसके अलावा, वित्तीय अनियमितताओं के अन्य उदाहरण भी रिपोर्ट में पाए गए हैं। स्टोर में रखे गए सामान की संख्या में भारी कमी मिली, और वर्ष 2017 से 2020 के बीच कुछ उपकरणों की आपूर्ति में गड़बड़ियां पाई गईं। विनोद कुमार शर्मा नामक स्टोर प्रभारी ने 815 एल्युमिनियम केन प्राप्त करने की बात कही थी, लेकिन स्टॉक रजिस्टर में इसकी संख्या 710 दर्ज थी। इस अंतर का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया। इसके अलावा, बिना जीएसटी बिल के सामान की खरीद भी की गई, जिससे भुगतान की वैधता पर सवाल खड़े हो गए। कुछ मामलों में बिल की राशि में भी हेरफेर किया गया, जो वित्तीय अनियमितताओं को और बढ़ाता है।ऑडिट रिपोर्ट में दूध के खराब होने से संबंधित गड़बड़ियों की भी पहचान की गई। खराब दूध को लाभ-हानि खाते में न डालकर बिजनेस प्रमोशन खाते में डालने की बात सामने आई, जिससे पारदर्शिता की कमी महसूस हुई। इसके अलावा, खराब घी और अन्य सामान को कई वर्षों तक स्टॉक में दिखाया गया, जबकि ये सामान असल में अनुपयोगी हो चुके थे। दूध की गुणवत्ता में गिरावट आने पर भी भुगतान की प्रक्रिया में गड़बड़ी पाई गई, जिससे संस्था को वित्तीय नुकसान हुआ।इन सभी वित्तीय अनियमितताओं के आधार पर, पराग डेयरी के अधिकारियों से जवाब तलब किया गया है, और इसकी जांच को बिंदुवार प्रस्तुत किया जा रहा है, ताकि ऑडिट आपत्तियों का समाधान किया जा सके। इस पूरे मामले में गंभीरता से जांच की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी अनियमितताएं न हो सकें और सरकारी धन का सही उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।