बांग्लादेश के विरोध में सड़कों पर लाखों हिंदू, माताओं ने नन्हे बच्चों के साथ दिया साथ

इंदौर में आज बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में ऐतिहासिक प्रदर्शन देखने को मिला। सुबह 7 बजे से ही शहर के कोने-कोने से लाखों लोग कलेक्टर कार्यालय की ओर जुटने लगे। इस प्रदर्शन को अब तक का सबसे बड़ा आंदोलन माना जा रहा है। व्यापारिक संगठनों, सामाजिक संस्थाओं, रहवासी संघों और धार्मिक संगठनों के साथ-साथ हर वर्ग और उम्र के लोग इसमें शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने इंदौर कलेक्टर कार्यालय पर धरना देकर ज्ञापन सौंपा और मांग की कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार तुरंत बंद किए जाएं।
आरएसएस और भाजपा का योगदान
इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), भाजपा, बजरंग दल, और विश्व हिंदू परिषद ने पूरी ताकत झोंक दी। एक सप्ताह के भीतर 5000 से अधिक गली-मोहल्लों और कॉलोनियों में बैठकें आयोजित की गईं, जिनका परिणाम लाखों की भीड़ के रूप में सामने आया। भाजपा नेताओं ने बड़ी संख्या में लोगों को इकट्ठा करने के लिए स्कूल बसों और प्राइवेट गाड़ियों का इंतजाम किया। विधायक मालिनी गौड़, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, और रमेश मेंदोला समेत अन्य नेताओं ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
हर वर्ग और उम्र के लोग शामिल
इस आंदोलन की खास बात यह रही कि इसमें हर वर्ग और उम्र के लोगों ने भाग लिया। कॉलेज स्टूडेंट्स, डॉक्टर, वकील, छोटे व्यापारी, फल-सब्जी विक्रेता, महिलाएं, और बच्चे बड़ी संख्या में आंदोलन में शामिल हुए। महिलाएं छोटे बच्चों को गोद में लेकर आईं और बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
शहर ने स्वेच्छा से बंद रखा बाजार
इंदौर के सभी बाजारों ने आज स्वेच्छा से आधे दिन के लिए अपनी दुकानें बंद रखीं। यह बंद पूरी तरह स्वतःस्फूर्त था, जिसमें किसी पर दबाव नहीं डाला गया। हर सड़क पर दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों का बंद रहना इस आंदोलन के समर्थन का प्रतीक था।
संगठनों का व्यापक समर्थन
प्रदर्शन में विभिन्न सामाजिक संगठन अपने बैनर और पोस्टर के साथ शामिल हुए, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि वे इस आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने एक स्वर में कहा कि यह मानवता की रक्षा का मामला है और इसे वैश्विक स्तर तक पहुंचाना होगा।
प्रशासनिक तैयारियां और सुरक्षा
प्रदर्शन की संभावित भीड़ को देखते हुए इंदौर पुलिस और प्रशासन कल रात से ही सतर्क था। पुलिस आयुक्त संतोष सिंह और कलेक्टर आशीष सिंह ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुख्ता इंतजाम किए। हर कॉलोनी और मुख्य मार्ग पर पुलिस तैनात थी।
भारत सरकार से सख्त रुख की मांग
प्रदर्शनकारियों ने भारत सरकार से बांग्लादेश पर कड़ा रुख अपनाने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि हिंदुओं पर अत्याचार बंद नहीं हुए तो इससे भी बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल हिंदुओं का मामला नहीं है, बल्कि सभी धर्मों और मानवता की रक्षा का सवाल है।
यह ऐतिहासिक आंदोलन न केवल इंदौर बल्कि पूरे देश के लिए एक संदेश बनकर उभरा है कि जब भी मानवता पर संकट आता है, समाज एकजुट होकर आवाज उठाने में सक्षम है।