ईडी ने संजीव हंस और गुलाब यादव की पत्नियों से पूछताछ के लिए भेजा समन, जांच जारी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तार किए गए भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी संजीव हंस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व विधायक गुलाब यादव के परिवार के सदस्यों मोना हंस और अंबिका गुलाब यादव को पूछताछ के लिए समन भेजा है। यह समन ईडी द्वारा जारी किया गया है ताकि उनसे संजीव हंस और गुलाब यादव की संपत्ति के संबंध में जानकारी ली जा सके।
ईडी की ओर से भेजे गए समन में यह स्पष्ट किया गया है कि मोना और अंबिका को दो दिन के भीतर ईडी दफ्तर में पेश होना होगा। सूत्रों के मुताबिक, ईडी की टीम इनसे पूछताछ करेगी और यह जानने की कोशिश करेगी कि संजीव हंस और गुलाब यादव ने किस प्रकार से अवैध तरीके से इतनी अधिक संपत्ति अर्जित की।
संजीव हंस और गुलाब यादव को मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने इन दोनों के ठिकानों पर कई बार छापे मारे थे, जिसमें अवैध संपत्ति के मामले का खुलासा हुआ था। जांच में यह बात सामने आई कि ये दोनों व्यक्ति भ्रष्टाचार के जरिए अकूत संपत्ति जमा कर रहे थे।
ईडी द्वारा किए गए ताजे समन के माध्यम से अब उनकी पत्नियों मोना और अंबिका को भी आरोपित किया गया है। इनसे अब यह जानने की कोशिश की जाएगी कि ये दोनों किस तरह से इस संपत्ति के बारे में जानते थे और क्या उनका इसमें कोई रोल था।
18 अक्टूबर 2024 को ईडी ने संजीव हंस, गुलाब यादव और उनके एक सहयोगी को पटना और दिल्ली से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के खिलाफ पहले से लंबी जांच चल रही थी, और ईडी ने आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में 14 दिनों की रिमांड की मांग की थी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भारत सरकार का एक प्रमुख विभाग है, जो वित्तीय अपराधों की जांच करता है और उन्हें रोकने के लिए कार्रवाई करता है। ईडी मनी लॉन्ड्रिंग, काले धन के मामलों, विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के उल्लंघन और अन्य वित्तीय अपराधों से संबंधित जांच करता है। इसके पास गिरफ्तारी की शक्तियां होती हैं और यह आरोपियों को अदालत में पेश करने का अधिकार रखता है। ईडी का मुख्यालय नई दिल्ली में है और इसके क्षेत्रीय कार्यालय भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं।
ईडी की कार्रवाई वित्तीय अपराधों को रोकने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने में मदद करती है।